नागपुर। लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं की बयानबाजी काफी मायने रखती है। ऐसे में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा गुरुवार को दिए गए बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। मोहन भागवत ने नागपुर में कहा कि सीमा पर लगातार सैनिक शहीद हो रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं।
आरएसएस प्रमुख ने नागपुर में प्रहार समाज जागृति संस्था के रजत जयंती कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि देश इस समय कोई युद्ध नहीं लड़ रहा है। किसी देश ने भारत पर हमला नहीं किया है। इसके बावजूद देश की सीमाओं पर सैनिक शहीद हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में आरएसएस प्रमुख ने कई ऐसे बयान दिए हैं, जिसे केंद्र सरकार पर तंज कहा जा सकता है।
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि देश की सीमाओं पर हमारे सैनिक इसलिए शहीद हो रहे हैं, क्योंकि हम अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत को आजादी मिलने से पहले देश के लिए जान कुर्बान करने का वक्त था। आजादी के बाद युद्ध के दौरान किसी को सीमा पर जान कुर्बान करनी होती है। लेकिन, हमारे देश में (इस वक्त) कोई युद्ध नहीं है फिर भी लोग (सैनिक) शहीद हो रहे हैं…, क्योंकि हम अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं।’
मोहन भागवत ने इस दौरान किसी पार्टी या राजनेता का नाम नहीं लिया। मगर, बयान से साफ पता चल रहा है कि वह किसकी ओर अंगुली उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई युद्ध नहीं है तो कोई कारण नहीं है कि कोई सैनिक सीमा पर अपनी जान गंवाए, लेकिन ऐसा हो रहा है।’
उन्होंने कहा कि इसे रोकने और देश को महान बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लड़ाई हुई, तो सारे समाज को लड़ना पड़ता है। सीमा पर सैनिक जाते हैं, सबसे ज्यादा खतरा वे मोल लेते हैं। खतरा मोल लेकर भी उनकी हिम्मत कायम रहे, सामग्री कम न पड़े, अगर किसी का बलिदान हो गया, तो उसके परिवार को कमी न हो, ये चिंता समाज को करनी पड़ती है।
उन्होंने कहा, ‘देश में नीतियां सभी को प्रभावित करती हैं। मैं न तो नीति बनाता हूं और न ही आप, लेकिन हम सभी को इसका प्रभाव झेलना पड़ता है। मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है, मैंने इसे नहीं बढ़ाया और न ही आपने, लेकिन हम सभी को भुगतना होगा। बेरोजगारी बढ़ गई, मैंने ये नहीं किया, न तो इसे बढ़ाएं और न ही आपने, लेकिन हम सभी को भुगतना होगा, इसीलिए हमें अपने देश के लिए जीना सीखना होगा।’
Comments are closed.