इंडोनेशिया हादसा / भारतीय पायलट ने लॉयन एयर के विमान को बचाने की 26 बार कोशिश की थी

जकार्ता. इंडोनेशिया में लॉयन एयरलाइंस का विमान सेंसर की खराबी की वजह से क्रैश हुआ था। ब्लैक बॉक्स के डेटा से तैयार की गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, विमान में लगा ऑटोमैटिक सेफ्टी सिस्टम इसके अगले हिस्से को बार-बार नीचे दबा रहा था, पायलट आखिरी वक्त तक इसे काबू करने की कोशिश करते रहे। उन्होंने 26 बार इसे काबू करने की कोशिश की थी।

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जांचकर्ता पता लगा रहे हैं कि कहीं सेंसर बोइंग 737 मैक्स 8 विमान के अगले हिस्से के नीचे झुकने की गलत सूचना तो नहीं दे रहे थे। यह विमान 29 अक्टूबर को जावा के समुद्र में क्रैश हो गया था। इसमें भारतीय पायलट भव्य सुनेजा समेत 189 लोगों की मौत हो गई थी।
बोइंग 737 मैक्स में नया सिस्टम
एविएशन और सैटेलाइट कम्युनिकेशन एक्सपर्ट और बोइंग के पूर्व इंजीनियर पीटर लेम ने बताया कि मैक्स, बोइंग 737 का नया वर्जन है। इसमें एक ऑटोमैटिक सिस्टम है। विमान का अगला हिस्सा अगर हवा की गति की वजह से बहुत ऊपर उठता है तो सेंसर इसकी जानकारी देता है और यह सिस्टम अपने आप अगले हिस्से को नीचे कर देता है।

पायलट ने 26 बार नीचे किया विमान का अगला हिस्सा
हादसे से पहले सेंसर पायलट को विमान का अगला हिस्सा बार-बार ऊपर उठने की जानकारी दे रहा था, लेकिन पायलट को इसे मैनुअली नीचे करना पड़ा रहा था। पायलटों ने हर पांच सेकंड में ऐसा किया। पायलट ने ऐसा करीब 26 बार किया। पायलटों को हकीकत में पता ही नहीं चला कि दिक्कत क्या है। वे अपनी जानकारी के आधार पर ही सेफ्टी सिस्टम को कंट्रोल करते रहे, जो सही तरीका नहीं था।

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