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गगनयान की लॉन्चिंग दिसंबर 2021 में, पहले मानव मिशन पर महिलाएं भी जाएंगी; चंद्रयान-2 अप्रैल में

बेंगलुरु. भारत दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष में मानव अभियान भेजेगा। इससे पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में मानवरहित अभियान भेजे जाएंगे। वहीं, अप्रैल के मध्य में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. सिवन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
तीसरी बार टला चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण

चंद्रयान-2 पर 800 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह तीसरी बार है जब इसरो ने अपने दूसरे मून मिशन की लॉन्चिंग टाली है। इससे पहले पहले चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग अक्टूबर 2018 में होनी थी। बाद में इसे बढ़ाकर 3 जनवरी फिर 31 जनवरी तय किया गया। लेकिन फिलहाल इसे भी तीन महीने बढ़ा दिया गया।

गगनयान के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी
भारतीय गगनयान मानव मिशन के लिए कैबिनेट 10 हजार करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे चुकी है। दिसंबर में केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया था इस अभियान के तहत 3 एस्ट्रोनॉट सात दिन तक अंतरिक्ष में रह सकेंगे। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे, लेकिन वह रूस का मिशन था।

मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर किया था ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर गगनयान मिशन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था- 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने से पहले भारत अंतरिक्ष में मानव मिशन के साथ गगनयान भेजेगा। इसरो चेयरमैन के. सिवन ने भास्कर के साथ बातचीत में कहा था- गगनयान के लिए डिजाइन तैयार हो चुका है। अभी हम अपनी क्षमताओं के आकलन में लगे हैं। समूचे सिस्टम को अधिक से अधिक स्वदेशी बनाएंगे।

40 महीने में पूरा करने का लक्ष्य
इसरो अपनी इस योजना को अगले 40 महीनों के भीतर पूरा करना चाहता है। सिवन के मुताबिक- 2022 तक गगनयान की डेडलाइन है। यह बेहद कसा हुआ कार्यक्रम है, लेकिन इसरो इसे हर हाल में तय सीमा के भीतर अंजाम देगा।

नवंबर में लॉन्च हुआ था 67वां सैटेलाइट

नवंबर में भारत ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से संचार उपग्रह जीसैट-29 का सफल प्रक्षेपण किया। 3,423 किलोग्राम के इस उपग्रह को इसरो के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी-एमके3-डी2 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया था। यह श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ 67वां और भारत का 33वां संचार सैटेलाइट है।

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