नवलोक समाचार
जयवर्धन से जब अगले पांच साल की चुनौतियों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। जयवर्धन ने कहा, “भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में पिछले 15 सालों में कोई भी बड़ा उद्योग स्थापित नहीं किया है। जिसके कारण शिक्षित युवा बेरोजगार घूम रहा है। ये एक बड़ी चुनौती है हम सबके साथ में। ये मुद्दा अगले पांच साल में प्राथमिकता में रहेगा।”
राजपरिवार कनेक्शन पर बोले जयवर्धन
जयवर्धन, राज परिवार से आते हैं। लेकिन चुनावी सफर में वो अपने लिए क्या भूमिका देखते हैं, जब ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने राजपरिवार को गुजरे जमाने की बात बताते हुए कहा, “मैंने शुरुआत से एक ही बात सीखी है कि राजा महाराजा थे तो लोकतंत्र के पहले। जब से देश में लोकतंत्र स्थापित हुआ है। सभी लोग एक समान हैं। जब मैं सात साल का था, तब मेरे पिता मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद से मैंने पढ़ाई देहरादून में की थी। दिल्ली में पढ़ाई की, फिर मुंबई में चार साल नौकरी की। विदेश में दो साल हायर एजुकेशन किया। वहां कहीं पर भी इस बात की कभी परवाह नहीं की कि हम किस समाज के हैं, किस जाति के हैं। दरअसल मेरे पिता ने कहा था कि अगर तुम्हें राजनीति में आना है, तो सबसे पहले जो हमारे परिवार है, जो पीढ़ियों से जुड़े हुए हैं। उनसे मिले, उनसे जान पहचान करो। लगभग दो सालों में 120 के करीब 150 गांव में चले थे।”

जयवर्धन ने बताया कि राजनीति के सबक उन्होंने पिता से ही सीखे हैं, वही उनके राजनीतिक गुरु हैं। इसके अलावा वो इंदिरा गांधी और नेहरू का लोहा भी मानते हैं।
जयवर्धन ने भाजपा पर विज्ञापनों में बेतहाशा पैसा खर्च करने का आरोप लगाते हुए कहा, ” भाजपा सरकार ने 1 साल में सिर्फ विज्ञापनों पर 700 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वह यह बताता है कि उनका जो पूरा ध्यान है वह प्रचार-प्रसार पर रहता है। लेकिन जो सरकार कांग्रेस पार्टी की थी उसका उद्देश्य रहता है कि हम युवाओं पर गरीबों पर ध्यान दें।”
भाजपा के ‘महाराजा माफ करो’ कैंपेन को लेकर भी जयवर्धन ने सीधे जवाब दिए। देखिए ये पूरा इंटरव्यू, सिर्फ अमर उजाला डॉट कॉम के खास कार्यक्रम- सत्ता का सेमीफाइनल में।
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