दलदबल के डर से भाजपा नही काट पाई विधायको के टिकिट – सर्वे को किया दरकिनार

मुकेश अवस्‍थी, संपादक की कलम से.

चौथी बार सत्‍ता में लौटने और अबकी बार 200 पर का सपना संजाये बेठी भाजपा इस विधानसभा चुनाव में सर्वे और सभी अटकलो का दरकिनार करती दिखाई दे गई. शु्क्रवार को जारी की गई सूची में महज उंगली पर गिने जाने वाले विधायको के ही टिकिट कांटे गये है. बता दे कि चौथी पर ऐंटी इनकमवेंसी का बोझ लेकर चुनावी मैदान में आ रही भाजपा अपनो से ही डर गई और असुंष्‍टी का महौल न बने इसके भय से प्राय पिछली बार उतारे गये उम्‍मीदबारो को ही पुन- मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस ने अभी तक अपनी सूची जारी नही की है उसके पहले ही भाजपा ने अपने प्रत्‍याशियो की सूची जारी कर दी है. वही छ माह पहले टिकिट वितरण करने वाली कांग्रेस अपने ही नेताओ की गुटबाजी की शिकार होने के कारण सूची जारी नही कर पाई है.

Test

विधानसभा चुनाव में भाजपा किसी भी स्थिति में सत्‍ता से बाहर नही होना चाहती और कांग्रेस किसी भी हालत में सत्‍ता में वापिस आना चाहती है, लेकिन भाजपा अभी भी कांग्रेस से एक कदम आगे ही चल रही है, छ महीने पहले कांग्रेस अपने प्रत्‍याशियो की सूची जारी करने की बात तो कहती रही लेकनि नेताओ की आपसी गुटबाजी के चलते आज तारीख तक नाम तय नही कर पाई है. बता दें कि नरसिंह पुर के तेदूखेडा से विधायक संजय शर्मा की टिकिट कटने की सूचना पर वे कांग्रेस में शामिल हो गये इस भयाभह स्थिति को भांप कर केंद्रीय चुनाव समिति सहित प्रदेश चुनान प्रभारी और अभियान समिति ने भाजपा और आरएसएस के सभी सर्वे का दरकिनार करते हुये टिकिट कांटने वाला फार्मूला एक तरफ रख कर सूची जारी कर दी है. मीडिया सहित भाजपा संगठन में कहा जा रहा था कि इस बार 70 से 80 विधायको के टिकिट काटे जायेगे लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ है.

वर्षो से संगठन में काम करने वालो को नही दिया गया टिकिट

भाजपा ने वर्तमान विधायको की नारजगी से बचने और दलबदल की प्रबल संभावना के चलते पुन पुराने ही लोगो को टिकिट रिपीट कर दिया है. वही संगठन में पिछले तीस सालो से काम करने वालो को एक बार पुन निराश कर दिया है. बता दें कि प्रदेश प्रवक्‍ता राजो मालवीय होशंगाबाद की सोहागपुरे टिकिट की दावेदार थी लेकिन उन्‍हे निराशा ही हाथ लगी है. वही होशंगाबाद सीट से भी वर्षो से एक ही परिवार को टिकट दिये जाने से भी करीब दो दर्जन कार्यकर्ताओ ने नाराजगी व्‍यक्‍त की थी. इतना ही नही यही हाल प्रदेश भर के जिलो में देखने को मिला है. जहां वर्षो से प्रदेश संगठन सहित जिले में कई सालो से काम कर रहे भाजपाई इस विधानसभा में चुनाव लडने की तैयारी किये हुये थे. लेकिन उनके सपने धरासायी हो गये है.

Comments are closed.

Translate »