नवलोक समाचार, होशंगाबाद । आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्व सहायता समूह की महिलाएं अपनी अहम भूमिका निभा रही है । जिले की स्व सहायता समूह महिलाएं अपने ही गांव में सूक्ष्म उद्योग लगाकर मिर्च मसाले, आलू चिप्स, ब्रेड, पिज़्ज़ा, बर्गर, बिस्किट, टोस्ट ,पेटीज, पेस्ट्री, घी, मावा, अचार, बड़ी, पापड़ आदि बनाकर बेच रही है एवं सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं l गांव में उत्पादित शुद्ध कच्चे माल से निर्मित यह खाद्य सामग्रियां ग्राहकों को शुद्धता की गारंटी के साथ ही बहुत पसंद आ रही हैं l आजीविका मिशन द्वारा इन सभी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के संचालन हेतु आवश्यक खाद्य विभाग द्वारा जारी एफएसएसएआई लाइसेंस भी उपलब्ध कराया गया है l कलेक्टर श्री धनंजय सिंह के निर्देशन में स्व सहायता समूह की महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु सभी संभव बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम द्वारा बताया गया कि आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में कार्य करते हुए स्व सहायता समूहों द्वारा छोटे-छोटे उद्योग लगाकर विभिन्न खाद्य उत्पाद बनाए जा रहे हैं इन उत्पादों में देसी खुशबू होने के कारण मार्केट में इनकी अच्छी मांग है l
एनआरएलएम प्रबन्धक श्री आशीष शर्मा ने बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला पंचायत होशंगाबाद अंतर्गत जिले में लगभग 65000 गरीब परिवार की महिलाओं को 5500 सहायता समूह के रूप में संगठित किया गया है l इन स्व सहायता समूह सदस्यों को शासन द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में सामुदायिक निवेश निधि बैंक लिंकेज की राशि उपलब्ध कराई गई है l जिससे यह अपने लिए स्वरोजगार स्थापित कर अपनी आजीविका सुदृढ़ कर सकें l इन स्वसहायता समूह सदस्यों को छोटे छोटे लघु उद्योगों को स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा हैl सुरभि स्व सहायता समूह ग्राम कीरतपुर विकासखंड केसला द्वारा आचार निर्माण का कार्य, राधे स्व सहायता समूह ग्राम सांगाखेड़ाखुर्द विकासखंड बाबई द्वारा बेकरी आइटम निर्माण का कार्य, योगेश्वरी स्व सहायता समूह ग्राम तरौनकला विकासखंड पिपरिया द्वारा घी निर्माण का कार्य, महालक्ष्मी स्वसहायता समूह ग्राम रोहना विकासखंड होशंगाबाद द्वारा मिर्च मसाले बनाने का कार्य, माधव स्वसहायता समूह ग्राम रोहना विकासखंड होशंगाबाद द्वारा जैविक तरीके से उगाए हुए आलू के चिप्स, पापड़ बनाने का कार्य,गंगा स्व सहायता समूह ग्राम चौकीमाफी विकासखंड सिवनी मालवा द्वारा मावा पनीर बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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