कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह मामले में चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति देने पर अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा कि जीतकर हारने वाले को केजरीवाल कहते हैं।
दिल्ली.
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह के मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए दिल्ली सरकार ने अनुमति दे दी है। 2016 में जे एन यू में कन्हैया कुमार सहित अन्य लोगो ने देश के खिलाफ नारे लगाये थे, तब अरविंद केजरीवाल ने कन्हेया कुमार के खिलाफ प्रकरण चलाने की मंजूरी नही दी थी, लेकिन अब दूसरी बार सरकार में आने के बाद केजरीवाल ने सीधे अनुमति देकर एक बार साबित किया है कि अब दिल्ली में भाजपा और आप दोनो ही राष्ट्रवादी पार्टी बन गई है . इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा कि जीतकर हारने वाले को केजरीवाल कहते हैं।
थरूर ने बॉलिवुड फिल्म ‘बाजीगर’ के एक डायलॉग का जिक्र करते हुए चुटीले अंदाज में केजरीवाल पर व्यंग्य किया। उन्होंने लिखा, ‘हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं लेकिन जीतकर हारने वाले को केजरीवाल कहते हैं।’ थरूर यहीं नहीं रुके, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से केजरीवाल की मुलाकात को लेकर भी उन्हें निशाने पर लिया। इस पर उन्होंने लिखा, ‘फायदा हो जिधर, वो उधर की ओर चलेगा। अब पांच साल आप (आम आदमी पार्टी) का यही दौर चलेगा। शाह केजरीवाल (ओह सॉरी) वाह केजरीवाल
अमित शाह के साथ मीटिंग पर विपक्ष का निशाना
बता दें कि सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को अमित शाह के साथ दिल्ली दंगों के मद्देनजर मीटिंग की थी। इस मीटिंग के बाद उन्होंने कहा था कि पुलिस अपना काम कर रही है और गृहमंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर वह पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराएंगे। वहीं, कन्हैया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति देने पर दिल्ली सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है।
कांग्रेस ने साधा था निशाना
दिल्ली कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी और आप दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘चाहे सीएए हो एनपीआर हो, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सोच वही है जो बीजेपी की है।’ वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि राजद्रोह कानून को लेकर दिल्ली सरकार की समझ केंद्र से कुछ कम गलत नहीं है।
साभार- नवभारत टाइम्स बेससाइट
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