चरवाहे को मिली थी, देवी बीजासेन की प्रतिमा- अब सलकनपुर में है विराजमान

नवलोक समाचार, रेहटी।

बीजासेन देवी का धाम सीहोर जिले के रेहटी तहसील के पास ग्राम सलकनपुर में बना है, जहां नवराञि में श्रदधालुओ दर्शन को आते है, वैसे भी आम दिनो में सलकनपुर धाम में भक्‍त  देवी मां के दर्शन करना नही चूकते. बताय जाता है अब से करीब ढेड़ सौ साल पूर्व देवी मां की प्रतिमा बकरे चराने वाले चरवाहे को पहाड़ के पर मिली थी, जिसके बाद वहां एक छोटी सी मडिया बना कर पूजन अर्चन शुरू कर दिया था, लोगो की अस्‍था के चलते अब देवी बीजासेन का आज भव्‍य धाम बन गया है, जहां देश भर से लोग दर्शन लाभ लेने आते है.

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मध्‍य प्रदेश के होशंगाबाद जिले से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर ओर बुदनी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम सलकनपुर में देवी मां का धाम बना हुआ है, पहले से अब काफी व्‍यवस्‍थाए सहित देवी धाम आर्कषक और भव्‍य बन चुका है, सलकनपुर देवी धाम में ट्रस्‍ट द्वारा सीढि़यो के साथ साथ अब रोप वे भी से भी मंदिर तक पहुंचने की व्‍यवस्‍था कर दी गई है.

नवरा‍ञि में देवी को दर्शन को मध्‍य प्रदेश सहित आसपास के राज्‍यो से भी लोगो का आना जाना होता है, लेकिन नवराञि में आस्‍था के चलते अब हजारो की संख्‍या में लोग पैदल याञा कर देवी धाम तक पहुंच रहे है, होशंगाबाद, रायसेन, नरसिंहपुर सहित सीहोर, हरदा, देवास जिलो से पैदल याञा कर देवी धाम तक पहुंचने वाले लोगो का कहना है कि हम मानता के चलते पैदल याञा कर जाते है, मां के मंदिर मै जो भी मनोकामान मांगी जाती है वह पूरी जरूर होती है.

बता दें कि देवी के धाम में नवराञि के पहले ही दिन से हाजारो की संख्‍या में लोग पहुंच रहे है यह सिलसिला नवराञि के नौ दिनो देखने को मिलता है. प्रसाशन सहित सलकनपुर ट्रस्‍ट द्वारा लोगो की व्‍यवस्‍था के लिए सभी इंतजाम किये गए है.

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