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मोहंती के सामने ‘वचन’ पर खरा उतरने की चुनौती

भोपाल। सत्ता परिवर्तन के बाद अब प्रशासन में भी बदलाव नजर आएगा। एक जनवरी से प्रदेश में नया प्रशासनिक मुखिया होगा। शनिवार को इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उम्मीद के मुताबिक 1982 बैच के आईएएस अफसर एसआर मोहंती को चुना। हालांकि, उनके सामने भी चुनौतियां कम नहीं रहेंगी। सबसे बड़ा लक्ष्य तो ‘वचन” पर खरा उतरना होगा।
दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जनता को ‘वचन पत्र” के माध्यम से जो वचन दिए हैं, उन्हें पूरा करना होगा। इसमें सबसे बड़ी बाधा वित्तीय संसाधन की सीमित उपलब्धता रहेगी। वहीं, नौकरशाही में संतुलन बनाकर एक टीम के रूप में सबको साथ लेकर भी चलना होगा। संभावना जताई जा रही है कि अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया के प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में जाने पर अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव की मुख्यधारा में वापसी हो सकती है।
अन्य नेताओं से बेहतर समन्वय है। उन्हें सरकार की ओर से जो भी लक्ष्य मिले, उन्होंने बखूबी पूरा किया। नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश जो उड़ान भर रहा है, उसमें मोहंती की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोहंती का चयन रणनीति के तहत किया है। दो माह बाद लोकसभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा। इसके पहले कर्जमाफी योजना को जमीन पर असरदार तरीके से उतारना है क्योंकि भाजपा की नजर इस पर है।
यही वजह है कि मुख्य सचिव बनने से पहले ही मोहंती से इस योजना को लेकर लगातार संवाद किया जाता रहा है। बताया जा रहा है कि रोजगार, औद्योगिक विकास, मौजूदा योजनाओं को पटरी पर लाना और प्रशासनिक मशीनरी को वास्तविक रूप से सक्रिय करना भी मोहंती का मुख्य लक्ष्य रहेगा।

सूत्रों का कहना है कि मोहंती के मुख्य सचिव बनने के बाद नौकरशाही में भी बदलाव होगा। इस पद के लिए 1985 बैच के आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया का नाम भी चर्चाओं में था। उन्हें भी लक्ष्य की पूर्ति करने वाला अधिकारी माना जाता है। राज्य में सिंचाई के क्षेत्र में जो काम हुआ है, उसमें जुलानिया की बड़ी भूमिका मानी जाती है। वे पिछले आठ साल से जल संसाधन विभाग को देख रहे हैं।

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