संदिग्ध परिस्थितियों में घर में खून में लथपथ मिली महिला सब इंस्पेक्टर की लाश

भोपाल। रायसेन रोड पर स्थित अशोका इंक्लेव के एक मकान की तीसरी मंजिल पर एक कमरे में मंगलवार को एक महिला सब इंस्पेक्टर (एम) की खून में लथपथ लाश मिलने से सनसनी फैल गई। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। महिला एसआई के सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगी थी। जिससे निकला काफी खून कमरे के फर्श पर फैला था। महिला एसआई केवल तौलिया लपेटे हुए थी।

घटना की जानकारी लगने के बाद ऐशबाग पुलिस मौके पर पहुंची, घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। कमरे से किसी प्रकार के संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं। शुरूआती जांच में मामले को संदिग्ध मानकर शव को पोस्टमार्टम के हमीदिया अस्पताल की मर्चुरी में रखवाया है। जहां बुधवार को उसका पीएम किया जाएगा।

ऐशबाग थाने के एसआई एमएन तोमर के अनुसार अशोका इंक्लेव रायसेन रोड के एक मकान के थर्ड फ्लोर पर किराए से रहने वाली 32 वर्षीय आशा सांठे सब इंस्पेक्टर (एम) उनकी पदस्थापना पुलिस मुख्यालय में थी। मंगलवार 12 बजे के करीब मृतका के पड़ोसियों ने फोन पर सूचना दी थी कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है। काफी खटखटाने के बाद दरवाजा नहीं खुला है। इस पर मौके पर पहुंचकर देखा तो आशा सांठे का कथित पति बृजेंद्र मालवीय भी था, वह ठेकेदारी करता है। होशंगाबाद का रहने वाला है। कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे।

एसआई फर्स पर खून में लथपथ पड़ी

ऐशबाग टीआई अजय नायर ने बताया कि पुलिस कमरे के अंदर पहुंची तो एसआई फर्श पर पड़ी थी। उसके सिर के पीछे के हिस्से से खून निकलकर फर्श पर फैला था। वह शरीर पर सिर्फ तौलिया लपेटे हुई थी। पुलिस के मुताबिक संभावना है कि एसआई नहाकर निकली हो।

संघर्ष के निशान कमरे में नहीं, प्रेस का स्वीच ऑन था

टीआई नायर का कहना है कि कमरे में संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं, घटना स्थल की कई बार जांच की गई। ऐसे कोई साक्ष्य और सुराग नहीं मिला है, जिससे फिलहाल इस मौत का खुलासा किया जा सकें। कमरे में ही बिजली के एक बोर्ड पर प्रेस का वायर स्वीच में लगा था और वह ऑन था। इससे एक आशंका यह है भी है कि आशा नहाकर निकली हो और प्रेस से उसे करंट लगा हो। फिलहाल पीएम के बाद ही मौत के असल कारणों का खुलासा हो सकेगा।

आशा को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी पुलिस में

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आशा के पिता मप्र पुलिस मुख्यालय में ही थे। उसके बाद उनका छत्तीसगढ़ तबादला हो गया था। जहां पर उनकी नौकरी के दौरान ही मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद आशा को पिता के स्थान पर अनुकंपा मिली। जिसके बाद उसने अपना तबादला मप्र करवा लिया था। उसके बाद से वह भोपाल में थी।

वैवाहिक स्थिति पर संशय

आशा की वैवाहिक स्थिति का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस के हाथ जो जानकारी लगी है। उसके अनुसार होशंगाबाद निवासी बृजेंद्र मालवीय से आशा की दोस्ती थी। बृजेंद्र का उसके घर पर आना जाना था। पुलिस यह पता कर रही है कि बृजेंद्र से आशा ने शादी की थी की नहीं। हालांकि सुबह दस बजे सबसे पहले बृजेंद्र ही आशा के घर पर पहुंचा था। दरवाजा नहीं खुलने वह आसपड़ोस में बोलकर गया था कि दरवाजा खुल जाए तो उसको फोन कर बता देना।

पुलिस तलाश रही इन सवालों के जवाब

– रोजाना दस बजे आफिस जाती थी, लेकिन समय पर क्यों नहीं निकली?

– मृतका के परिजनों की जानकारी क्यों नहीं मिली?

– बृजेंद्र और आशा में रिश्ता क्या था?

– दरवाजा बंद था तो उसके सिर के पिछले हिस्से में चोट कैसे लगी?

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