बेंगलुरु. भारत का सबसे भारी उपग्रह (5854 किलोग्राम) जीसैट-11 बुधवार तड़के फ्रेंच गुयाना से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यूरोप की लॉन्चिंग एजेंसी एयरियानेस्पेस के रॉकेट एरियाने-5 से भारतीय समयानुसार देर रात 2 बजकर 7 मिनट पर इसका प्रक्षेपण किया गया। इस उपग्रह से इंटरनेट की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह 16 गीगाबाइट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा भेज सकता है। इसे भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने तैयार किया है।
30 मिनट की उड़ान के बाद रॉकेट से अलग होकर यह उपग्रह भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में पहुंचा। इसे कुछ दिन में धरती से 36 हजार किलोमीटर ऊपर स्थित भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह देश में ग्राम पंचायत स्तर तक पर भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध कराएगा।
इस सैटेलाइट में 4-4 मीटर की लंबाई वाले दो सोलर पैनल लगे हैं जो इसके लिए जरूरी 15 किलोवॉट ऊर्जा का उत्पादन करेंगे। यह 15 साल से ज्यादा वक्त तक सेवाएं देने के हिसाब से तैयार किया गया है।
जीसैट-11 को पहले 25 मई को प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन इसरो ने इसे आगे बढ़ा दिया। दरअसल, मार्च में इसरो ने जीसैट-6ए लॉन्च किया था, जिसका कुछ दिन बाद ही संपर्क टूट गया था। जीसैट- 6ए की तरह ही कुछ तकनीक और पुर्जे जीसैट-11 में भी लगे हैं। ऐसे में इसरो उसको दोबारा टेस्ट करना चाहता था।
इंटरनेट क्रांति के लिए लॉन्च किए जाने हैं 4 सैटेलाइट
देश में डिजिटल इंडिया मिशन के तहत इंटरनेट क्रांति के लिए चार उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना है। इनमें जीसैट-11 तीसरा है। इससे पहले जीसैट-19 और जीसैट-29 पहले ही प्रक्षेपित किए जा चुके हैं। चौथा सैटेलाइट जीसैट-20 अगले साल प्रक्षेपित किया जाएगा। चारों सैटलाइट लॉन्च होने के बाद देश में 100 गीगाबाइट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा ट्रांसफर होने की उम्मीद है।
एरियन-5 रॉकेट से जीसैट-11 के अलावा दक्षिण कोरिया का सैटेलाइट जियो-कॉम्पसैट-2ए भी प्रक्षेपित किया गया। इसका वजन 3507.20 किलोग्राम है। 1981 से अब तक एरियाने भारत के 22 सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है।
पिछले हफ्ते ही लॉन्च किया गया था सबसे ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट
इसरो ने गुरुवार को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी43 रॉकेट के जरिए स्वदेशी हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट (हाइसइस) सैटेलाइट लॉन्च किया था। इसरो के मुताबिक, यह देश का सबसे ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट है। इससे धरती की हाई रिज्योल्यूशन तस्वीरें ली जा सकेंगी। इस प्रक्षेपण में हाइसइस के अलावा 30 और सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे। इनमें 23 अमेरिका के और आठ अन्य देशों के थे।
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