कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने आरएसएस को बताया आतंकवाद का प्रतीक; कांग्रेस ने बयान से पल्ला झाड़ा

भोपाल/रीवा. मध्यप्रदेश विधानसभा में सियासी बयानबाजी ने चुनावी सरगर्मी बढ़ा दी है। रीवा जिले के गुढ़ कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आतंकी संगठन बताया है। हालांकि सुंदरलाल तिवारी के विवादित बयान से कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आरएसएस ऐसी संस्था होती तो हम प्रतिबंध लगाने की बात करते।
रीवा से कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने कहा, “आरएसएस वह संस्था है जिसने महात्मा गांधी की हत्या की। वे धार्मिक आधार पर देश में नफरत का माहौल पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कभी भारतीय ध्वज नहीं फहराया। वे आतंकवाद के प्रतीक हैं।”

असल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को जारी अपने वचन पत्र में कहा है कि सरकार बनने पर शासकीय परिसरों में संघ की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे और सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के शाखाओं में जाने की छूट संबंधी आदेश को निरस्त किया जाएगा। इसके बाद से भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई।

इधर, दिग्विजय ने कहा, वचन पत्र के मुददे को तूल दिया जा रहा है : भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संघ पर प्रतिबंध के मुद्दे पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “वचन पत्र’ में दिए इस मुद्दे को जबरदस्ती दिया तूल दिया जा रहा है। बाकी के 95 प्रतिशत मुद्दों पर बातचीत नहीं हो रही है. हम केंद्र के नियम को प्रदेश में लागू कराना चाहते हैं।”

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तिवारी के बयान पर भाजपा की प्रतिक्रिया : भाजपा सांसद आलोक संजर ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को सिर्फ संघ दिखता है। कांग्रेस नेता टिप्पणी करने से पहले संघ का चिंतन करें। अगर वे चिंतन करेंगे तो ऐसे बयान नहीं देंगे। शासकीय परिसरों में संघ की शाखा लगाने और उनमें सरकारी कर्मचारियों के जाने पर कमलनाथ ने कहा है कि हमने सिर्फ केंद्र सरकार के नियमों को ही दोहराया है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “संघ की सोच को आज तक कोई चुनौती नहीं दे पाया। आतंकी संगठनों के खिलाफ कभी कांग्रेसी खड़े नहीं होते। जनता सब समझती है और वो अब जवाब देगी।”

इंदौर में चिदंबरम ने बताया था राजनीतिक संगठन : इंदौर में चुनाव प्रचार के लिए आए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था, “संघ एक राजनीतिक संस्था है। सरकारी कर्मचारियों को खुले तौर पर किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ना चाहिए। मध्यप्रदेश में हमारी की सरकार आने के बाद हम इस पर लगाम लगाएंगे। सरकारी कर्मचारियों को इनके कार्यक्रमों में जाने से रोका जाएगा।”

कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा : धायक सुंदरलाल तिवारी के संघ को लेकर दिए गए विवादित बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। कांग्रेस चीफ कमलनाथ ने उनके बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि जो केंद्र सरकार के नियम हैं, बाबूलाल गौर और उमा भारती के समय जो नियम थे, उनको दोहराया है, ऐसी संस्था होती तो हम प्रतिबंध लगाने की बात करते। न मन है, न मंशा और न ही उद्देश्य कि कोई बैन लगाया जाए।

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