
नई दिल्ली। RBI मॉनेटरी का बैठक का फैसला आज आ गया है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों से लेकर कई और बदलावों की घोषणा की है. कोरोना और लॉकडाउन ने भारत सहित पूरी दुनियां की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के बाद देश में आर्थिक गतिविधियां खुलने लगी हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ये उम्मीद जताई है कि जनवरी-मार्च 2021 यानी चालू वित्त वर्ष के अंतिम और चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ देखने को मिल सकती है. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने यह भी अनुमान लगाया कि चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ शून्य से 9.5 फीसदी नीचे रह सकती है.
RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. रेपो रेट 4% पर बरकरार है. MPC ने सर्वसम्मति से ये फैसला किया है कि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगा.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है. मौजूदा वित्त वर्ष में रिकॉर्ड अनाज का उत्पादन हुआ है. प्रवासी मजदूर एकबार फिर शहरों में लौटे हैं. ऑनलाइन कॉमर्स में तेजी आई है और लोग ऑफिस लौट रहे हैं. उम्मीद है कि फिस्कल ईयर 2021 की चौथी तिमाही के दौरान महंगाई में नरमी आएगी.
दास ने कहा कि अर्थव्यवस्थआ में तेजी की उम्मीद बनी हुई है. हम बेहतर भविष्य के बारे में सोच रहे हैं. सभी सेक्टर में हालात बेहतर हो रहे है. ग्रोथ की उम्मीद दिखने लगी है. रबी फसलों का आउटलुक बेहतर दिख रहा है. महामारी के इस संकट अब कोविड रोकने से ज्यादा फोकस आर्थिक सुधारों पर है. आरबीआइ ने ऐलान किया है कि दिसंबर, 2020 से RTGS किसी भी समय भी किया जा सकेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2021 की जीडीपी में 9.5 फीसद की मंदी देखी जा सकती है. सितंबर महीने में पीएमआई बढ़कर 56.9 हो गया, यह जनवरी 2012 के बाद से सबसे अधिक है.





