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170 केस, 3 हजार आरोपी, ट्रायल 10 साल चलेगा, व्यापमं जोन का स्थाई दफ्तर जरूरी

भोपाल . व्यापमं घोटाले की जांच के लिए प्रोफेसर कॉलोनी में मिले दो अस्थाई बंगलों पर सीबीआई अब परमानेंट कब्जा चाहती है। यही वजह है कि सीबीआई के व्यापमं जोन की ओर से सीबीआई मुख्यालय दिल्ली को पत्र लिखकर बी-10 और इससे लगे बंगले का स्थाई आवंटन देने की मांग की गई है। इस पत्र में व्यापमं जोन की ओर से तर्क दिया गया है कि व्यापमं महाघोटाले में 170 से ज्यादा केस रजिस्टर्ड हैं। 3 हजार से ज्यादा आरोपी हैं। ऐसे में केस की ट्रायल पूरी होने में 10 साल से भी ज्यादा वक्त लग सकता है। यह भी लिखा गया है कि व्यापमं जोन परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े नए मामले भी दर्ज कर रहा है, ऐसे में स्थाई ऑफिस बहुत जरूरी है।
सीबीआई व्यापमं जोन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने मुख्यालय को इस विषय में एक पत्र भेजा है। मुख्यालय की ओर से ही राज्य सरकार से औपचारिक रुप से जमीन आवंटन की प्रक्रिया चलेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने अस्थाई तौर पर सीबीआई को प्रोफेसर कॉलोनी में दो बंगले आवंटित किए हैं। इन्हीं बंगलों में सीबीआई ने अस्थाई तौर पर अपना दफ्तर बनाया हुआ है।

150 केस में चार्जशीट… 20 केस में अब भी जांच जारी : सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुल 170 केस जांच के लिए सौंपे गए हैं। इसमें सीबीआई ने 150 में जांच पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। 20 केस में अब भी जांच चल रही है। मार्च 2019 से पहले सभी केसों की जांच पूरी होना मुश्किल है।

सीबीआई को बंगले मिलेंगे या नहीं, अंतिम फैसला राज्य शासन का : अभी यह बंगले लोक निर्माण विभाग की ओर से अस्थाई तौर पर ही आवंटित हुए हैं। सीबीआई को आशंका है कि इन हालातों में उन्हें कभी भी बंगला खाली करने का नोटिस मिल सकता है। ऐसे में सीबीआई मुश्किल में पड़ सकती है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि अभी यह प्रस्ताव सीबीआई के स्तर पर है। इस पर अंतिम निर्णय राज्य शासन की आेर से ही लिया जा सकता है।

व्यापमं के अलावा परीक्षा घोटाले के अन्य मामले भी इसी जोन में : सीबीअाई अधिकारियों ने बताया कि पहले तो सिर्फ व्यापमं घोटाले से जुड़े केसों की जांच के लिए ही व्यापमं जोन बनाया गया था लेकिन परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े अन्य मामले भी इसी जोन को भेजे जा रहे हैं। हाल ही में व्यापमं जोन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से जुड़ा एक केस भी दर्ज किया है। इसमें 1800 से ज्यादा आरोपी हैं। जांच में काफी वक्त लगेगा। ऐसे में स्थाई ऑफिस की जरूरत तो पड़ेगी ही।

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