एसटीआर के जंगलो में बाघिन की लोकेशन न मिलने से वन विभाग के अफसर हो गऐ थे परेशान
मुकेश अवस्थी.
सतपुडा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में बांधवगढ से लाकर छोडी गई बाघिन ने पिछले एक महीने से बफर जोन में दहशत मचा रखी है, बाघिन की चहलकदमी रहवासी इलाको के करीब एक दर्जन गांवो के आसपास देखने को मिल रही थी, जिसमें सियारखेडा, सेहरा, बिछुआ सहित अन्य आदिवासी गांवो के लोग दहशत में है, वन विभाग ने अब एनटीसीए से बाघिन को टेंकुलाइज कर कोर एरिया में छोडने की अनुमति मांगी है. जिसके बाद रहवासी क्षेञ के लोगो को राहत मिल सकती है बता दें कि बाघिन इन दिनो सेहरा और जामानी देव के इलाके में मौजूद है, जिसकी लोकेशन करीब 15 घंटे न मिलने से वन विभाग के अफसर परेशान हो गए थे.
बता दें कि सतपुडा टाइगर रिजर्व के सोहागपुर ब्लाक में इन दिनो बाघिन की चहल कदमी के चलते लोग दहशत में है, दरअसल बाघिन को बांधवगढ टाइगर रिजर्व से लाकर सतपुडा टाइगर रिजर्व इलाके में छोडा गया था, जिसके बाद बाघिन देनवा नदी पार कर पूराने पटटन, सेहरा जामानी देव के आसपास आ गई. ग्राम सेहरा के लोगो के अनुसार बाघिन गांव के समीप भी कई बार देखी गई, जिसके बाद से लोगो में दहशत है. बाघिन की चहलकदमी के बाद से एसटीआर के अधिकारी भी लगातार सर्चिग कर रहे है, और रहवासियो को रात में अपने खेतो में न जाने की हिदायत भी दे रहे है. उधर एस टी आर के अफसरो ने बाघिन को घने जंगलो में वापिस भेजने के प्रयास भी शुरू कर दिये है,
इसके लिए फील्ड डायरेक्टर ने एनटीसीए यानि नेशनल टाइगर कंर्जवेशन अथारिटी को पञ लिख कर बाघिन को टेंकुलाइज कर पकडने की अनुमति मांगी है, इसके बाद बाघिन को हाथियो की मदद से घेर कर टेंकुलाइज किया जायेगा. बाद में उसे चूरना के आसपास शिफट कर दिया जाएगा.
लोकेशन न मिलने से हुए अफसर परेशान
बता दें कि पिछले दो तीन दिनो में बाघिन के गले में लगी कालर आई डी की लोकेशन वन अमले को न मिलने से विभाग के अफसर परेशान हो गए थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार रहवासी इलाके में चहलकदमी कर रही बाघिन पुराने पटटन और जामानी देव के बीच गहरी खाई में जाकर बैठ गई थी, जिसके चलते सिंग्नल नही मिल पा रहे थे. अब 15 घंटे बाद लोकेशन मिली है कि बाघिन अब सेहरा और जामानी देव के आसपास है
Comments are closed.