भोपाल. जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बनने के कारण पूरे प्रदेश में तापमान में बढ़ोतरी हुई है। रात के तापमान में बढ़ोत्तरी अभी दो दिन और रहेगी। इसके बाद हल्की बारिश की संभावना है। 24 घंटे बाद फिर से तेज ठंड पड़ने की संभावना भी मौसम विभाग ने जताई है। ऐसा इसलिए की कश्मीर पहुंचने वाला सिस्टम सीजन का सबसे स्ट्रांग सिस्टम होने का अनुमान है। इस दौरान कश्मीर में इस सीजन की सबसे ज्यादा बर्फबारी और बारिश हो सकती है। इसका असर मध्यप्रदेश पर भी पड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ का असर शहर के तापमान पर देखा गया। यही वजह है कि शनिवार को दिन के तापमान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। हालांकि रात के तापमान में एक डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई है। मौसम विशेषज्ञ जीडी मिश्रा ने बताया कि 21 जनवरी के बाद मौसम बदलेगा। ऐसे में क्षेत्र में बादल छाए रहेंगे। क्षेत्र में हल्की बारिश की भी संभावना है। इसके बाद फिर से घना कोहरा छाने से सर्दी बढ़ेगी।
11 से 13 किमी प्रति घंटे की रफ़तार से चलेंगी हवाएं : आने वाले दिनों में 11 से 13 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलेंगी। शुरु में उत्तर पूर्व की दिशा से हवाएं चलेंगी। इसके बाद पूर्व दिशा से हवाएं चलेंगी। फिर इन हवाओं की गति में बदलाव होगा। कुछ दिन पहले भी उत्तर दिशा से हवाओं के चलने से तेज सर्दी पड़ने लगी थी।
इसलिए पड़ेगी कड़ाके की ठंड : कश्मीर पहुंचने वाला सिस्टम सीजन का सबसे स्ट्रांग सिस्टम होगा। इस वजह से उत्तरी इलाकों में भारी बर्फबारी होगी। हवा का एक चक्रवात देश के पश्चिमी हिस्से अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होता हुआ कश्मीर पहुंचता है। इसके कारण वहां मौसम बदलता है।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स: पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफ़ान को कहते हैं। पश्चिमी विक्षोभ वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर, अन्ध महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर गिरा देता है।
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