नई दिल्ली. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कार कंपनी फॉक्सवैगन को शुक्रवार शाम 5 बजे तक 100 करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया है। फॉक्सवैगन की गाड़ियों से वायु प्रदूषण बढ़ने के मामले में एनजीटी ने गुरुवार को यह आदेश दिया। साथ ही कहा कि निर्धारित समय तक पैसे जमा नहीं कराए तो फॉक्सवैगन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आदेश नहीं मानने पर कंपनी के इंडिया हेड की गिरफ्तारी हो सकती है। कंपनी की भारत में मौजूद संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। फॉक्सवैगन को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में पैसे जमा करवाने होंगे।
फॉक्सवैगन ने पिछले आदेश का पालन नहीं किया
फॉक्सवैगन को पिछले साल 16 नवंबर को एनजीटी ने रकम जमा करवाने का आदेश दिया था लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से एनजीटी को सख्ती बरतनी पड़ी। फॉक्सवैगन की डीजल कारों से साल 2016 में नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन काफी ज्यादा हुआ था। कंपनी ने सॉफ्टवेयर के जरिए प्रदूषण का स्तर कम दिखाया।
फॉक्सवैगन पर 171.34 करोड़ रु का जुर्माना लगे: कमेटी
एनजीटी ने नवंबर में 4 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी को यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी कि फॉक्सवैगन की गाड़ियों से पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ। कमेटी की रिपोर्ट मंगलवार को सामने आई। इसने फॉक्सवैगन पर 171.34 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉक्सवैगन की कारों से साल 2016 में दिल्ली में करीब 48.678 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन हुआ था।
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