भोपाल. कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी कर्जमाफी की घोषणा पर आचार संहिता का पेंच लग सकता है। राज्य सरकार ने पात्र किसानों की तलाश के लिए 22 फरवरी तक का कार्यक्रम जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि 21 फरवरी को पात्र किसानों की संख्या के हिसाब से जिलों में फंड ट्रांसफर होगा और 22 फरवरी से खातों में पैसा जाना शुरू हो जाएगा।
इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि फरवरी के अंतिम अथवा मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी हो सकती है। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को सभी मंत्रियों से कहा कि यह सुनिश्चित करें कि 15 से 26 जनवरी के बीच किसानों के आवेदन भर जाएं। कमलनाथ भोपाल से इसकी शुरुआत करेंगे। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार पूरी तैयारी में लगी है कि 22 फरवरी के बाद और आचार संहिता से पहले सभी 55 लाख किसानों तक लाभ पहुंच जाए। हालांकि सरकार ने सप्लीमेंट्री बजट में 5 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
जबकि पूरी कर्ज माफी के लिए कम से कम 38 हजार करोड़ रुपए चाहिए। अनुमान के अनुसार यदि किसान का औसत कर्ज 50 हजार रुपए के करीब है तो दस लाख किसानों तक ही यह लाभ पहुंचेगा। यदि औसत कर्ज पचास हजार से ज्यादा हुआ तो लाभ लेने वाले किसानों की संख्या घट जाएगी।
आचार संहिता से दिक्कत तो है : मलैया

पूर्व वित्तमंत्री व भाजपा नेता जयंत मलैया ने कहा कि अभी 5 हजार करोड़ का ही प्रावधान कर्ज माफी के लिए किया गया है। कैसे सभी किसानों की कर्ज मुक्ति करेंगे, यह देखना होगा। आचार संहिता से पहले सरकार लेखानुदान लाएगी, लेकिन जो भी हो उसे आचार संहिता से पहले करना होगा। अभी की तैयारियों से ऐसा लगता है सभी किसानों तक आचार संहिता से पहले यह लाभ नहीं पहुंच पाएगा।
ये है कार्यक्रम
8 जनवरी लाभ लेने वाले किसानों के ऋण खातों को आधार लिंक करने की कवायद शुरू। यह काम 5 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद सूची को बैंक शाखा व ग्राम पंचायत में चस्पा किया जाएगा।
3 जनवरी की सुबह तक कृषि विभाग द्वारा हरे, सफेद एवं गुलाबी आवेदन पत्र पर्याप्त संख्या में छपवाकर जिला मुख्यालय पर भेजे जाएंगे।
26 जनवरी को ग्राम सभा में उस वक्त तक हरे, सफेद एवं गुलाबी आवेदन-पत्र भरकर देने वाले आवेदकों की सूची पढ़ी जाए। ऐसे नाम भी पढ़े जाएं, जिनका नाम हरी अथवा सफेद सूची में है किंतु उन्होंने आवेदन पत्र 25 जनवरी तक जमा नहीं किए हैं।
5 से 10 फरवरी तक ग्राम पंचायतों में मिले आवेदन-पत्रों की डाटा एंट्री होगी। बैंक उसे देख सकेंगे। आवेदन का सत्यापन व प्रमाणीकरण होगा।
18 से 20 फरवरी तक डीएलसीसी (जिला स्तरीय सलाहकार समिति) की देखरेख में डाटा का सत्यापन तथा प्रमाणीकरण होगा। डीएलसीसी से अनुशंसा सहित प्राप्त सूची में भुगतान के लिए प्रथम चरण में लघु एवं सीमांत कृषकों को भुगतान करते समय क्रमश सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक को प्राथमिकता दी जाएगी।
21 फरवरी को पात्र किसानों के आधार पर कृषि विभाग से जिला आवंटन मांगेगा।
22 फरवरी से लगातार किसान को उसके ऋण खाते में डीबीटी (आरटीजीएस, एनईएफटी या एनएसीएच) के माध्यम से राशि जिलों से जमा कराई जाएगी।
विभाग की दलील : महाराष्ट्र-उत्तर प्रदेश ने तो 18 माह लगा दिए
विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में जून 2017 में कर्ज माफी की घोषणा की गई थी। तब से लेकर अब तक 18 माह हो चुके हैं और महाराष्ट्र में 60 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 80 फीसदी किसानों तक लाभ पहुंचा है। मप्र में 17 दिसंबर 2018 को घोषणा के दो घंटे बाद ही आदेश निकले थे और दो माह में ही पात्र किसानों की तलाश के बाद खातों में पैसा जाएगा।
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