भोपाल. उत्तर में बर्फ से ढंके पहाड़ों से टकराकर आने वाली हवा की रफ्तार में तेजी के चलते नए साल के दूसरे हफ्ते में एक बार फिर ठंड का दौर शुरू हो गया है। यही वजह है कि भोपाल में सोमवार को 28 दिन लगातार सर्द मौसम के बाद कोहरा पड़ा और विजिबिलिटी बेहद कम हो गई। भोपाल और आसपास के जिलों में भी कोहरा और धुंध का असर देखा जा रहा है।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, रीवा और सागर संभागों के साथ ही पश्चिमी मध्स प्रदेश में कहीं-कहीं या मध्यम कोहरा रहा। इंदौर और उज्जैन संभाग में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहा। वहीं, जबलपुर, भोपाल, सागर और होशंगाबाद में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहा। होशंगाबाद संभाग के बैतूल में पारा सबसे कम 2 डिग्री दर्ज किया गया।
शनिवार से भोपाल के मौसम में कोई परिवर्तन
इधर, उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी से मध्य प्रदेश के कई शहरों में सर्दी राहत नहीं मिली है। कोहरा पड़ने और शीतलहर के शनिवार से सर्दी का एक दौर और शुरू हो गया। जो अब तक जारी है। इस कारण भोपाल का सोमवार और मंगलवार को न्यूनतम तापमान 7.6 और अधिकतम पारा 22.4 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान शनिवार और रविवार को दर्ज किए गए तापमान से 2.4 डिग्री ज्यादा है, लेकिन सामान्य से 6 डिग्री कम है।
10 शहरों में तापमान 5 डिग्री पहुंचा
वहीं, प्रदेश में बैतूल सबसे ज्यादा सर्द रहा, वहां पारा गिरकर 2.4 पहुंच गया। वहीं खजुराहो का 4.4 डिग्री दर्ज किया गया है। इसके साथ ही दतिया, खरगोन, पचमढ़ी, शाजापुर, उज्जैन, उमरिया, मंडला और छिंदवाड़ा में न्यूनतम तापमान 5 या उसके आसपास रहा।
उत्तरी हवा की रफ्तार धीमी होने से सर्दी पर असर
ग्वालियर में मंगलवार को सर्द हवाओं का असर कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में जनवरी के पहले सप्ताह में सर्दी का असर कम रहा है। पिछले वर्ष 4 जनवरी को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था। जबकि इस वर्ष जनवरी के पहले सप्ताह में सबसे कम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है। पिछले वर्ष उत्तरी हवा 6 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली थी। जबकि इस साल 3 से 4 किलोमीटर प्रतिघंटे ही हवा की रफ्तार है।
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