भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के शुरू होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों और पार्टी के नेताओं के साथ वल्लभ भवन के सामने वंदेमातरम् का गायन किया। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले हमने तय किया था कि वंदेमातरम् गायन के बाद हम विधानसभा तक मार्च करते हुए जाएंगे। लेकिन अब कांग्रेस सरकार ने इसे बाधित करने की अपनी मंशा वापस ले ली है। इसलिए हमने मार्च निकालने का फैसला वापस ले लिया है।
‘वंदेमातरम देशभक्ति का पर्याय’
शिवराज सिंह ने कहा कि भारत माता का गान वंदेमातरम् देशभक्ति का पर्याय है। अब सरकार इसे अलग फार्म में शुरू करने की बात कह रही है। वंदे मारतम का फार्म केवल भारत माता की जय होता है, दूसरा कोई फार्म नहीं होता है। इससे पहले शिवराज सिंह ने वल्लभ भवन के सामने हर माह की एक तारीख को होने वाले वंदे मातरम् पर नई सरकार की रोक के बाद 7 जनवरी को विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले वंदेमातरम् गाने का एलान किया था।
वंदेमातरम् का गायन नहीं होने पर हुआ था विवाद
महीने की पहली तारीख को वंदेमातरम् का गायन नहीं होने पर यह विवाद शुरू हुआ था। हालांकि बचाव की मुद्रा में आई कमलनाथ सरकार ने एक दिन बाद ही नए स्वरूप में शुरू करने की घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम अब और ज्यादा प्रभावी तरीके से होगा। महीने की पहली तारीख को शौर्य स्मारक से पुलिस बैंड के साथ इसे गाते हुए मुख्यमंत्री सहित मंत्री, सरकारी कर्मचारी और अन्य कर्मचारी वल्लभ भवन पहुंचेगे। संभाग और जिला स्तर पर भी इसका सामूहिक गायन किया जाएगा। इसके साथ ही, जनता की भी सहभागिता की जाएगी।
शाह ने पूछा था राहुल से सवाल
वंदेमातरम् गायन पर रोक लगाने का मामला दिल्ली तक पहुंच गया था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का घेराव किया था। शाह ने कहा था, ‘वंदेमातरम एक गीत नहीं बल्कि, भारत का स्वतंत्रता आंदोलन है। इस पर प्रतिबंध लगाकर देश की स्वाधीनता पर बलिदान होने वाले लोगों का अपमान किया गया है। यह आम भारतीय के लिए देशद्रोह के समान है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि वंदेमातरम पर रोक का यह फैसला क्या आपका है।’
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