इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह रविवार सुबह खंडवा रोड स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। समारोह में राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने टॉपर्स छात्र-छात्राओं को पदक वितरित किए। इस दौरान यहां उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी और कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ भी मौजूद रहे। मंच पर मौजूद सभी अतिथियों सहित पदक पाने वाले विद्यार्थियों मालवी पगड़ी पहन रखी थी।
समारोह में प्रत्येक संकाय में मेरिट विद्यार्थियों को पदक से सम्मानित किया गया। 61 विद्यार्थियों में 116 गोल्ड व 15 सिल्वर मेडल, जबकि पीएचडी कर चुके 22 शोधार्थियों को उपाधि दी गई। दीक्षांत समारोह में संपूर्ण गतिविधियों को लेकर दिए जाने वाला द प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया डॉ. शंकरदयाल शर्मा गोल्ड मेडल इस साल विश्वविद्यालय की गणित अध्ययनशाला की छात्रा साक्षी मित्तल को दिया गया।
महू के विक्रम सिंह शेखावत ने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद न सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की, बल्कि विधि संकाय में यूनिवर्सिटी टॉपर रहे। नईदुनिया से बातचीत में विक्रम बताते हैं कि पिताजी प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे। मैं जिस स्कूल में पढ़ता था, वहां की कॉपियों की प्रिटिंग पिताजी करवा देते थे, इससे मेरी फीस एडजस्ट हो जाती थी। लेकिन घर की स्थिति खराब होने की वजह से 10वीं के बाद पेम्प्लेट बांटने का काम करता था, उससे कुछ रुपए मिलते थे। पढ़ाई में अच्छा था और वाद-विवाद प्रतियोगिता में हमेशा विजेता रहता था तो ऐसे में सभी ने कहा लॉ कर लो। मुझे भी लगता था कि समाज में परिवर्तन कानून से ही लाया जा सकता है, इसलिए इंदौर में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला ले लिया। लेकिन हर दिन महू से इंदौर आने के पैसे नहीं होते थे, ऐसे में एक स्कूल में पढ़ाने लगा।
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