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यौन उत्‍पीड़न की शिकार नन की रूह कंपा देने वाली दास्‍तां, भारत में लंबी है ये फेहरिस्‍त

नई दिल्‍ली, एपी। भारत में चर्च के कमरों में ननों के साथ दुष्‍कर्म का लंबा इतिहास रहा है। हालांकि ननों के यौन शोषण की खबरें खुलकर सामने नहीं आ पाती हैं। आमतौर पर जो खबरें सामने आती हैं, उनमें उससे काफी कम सुनने को मिलता है, जिसकी चर्चा होती है। नन खुलकर अपने साथ हुए यौन शोषण को बयां नहीं करती हैं। लेकिन एपी की रिसर्च में सामने आया है कि सालों से नन चर्च में यौन शोषण का शिकार होती रही हैं।

भारत में किसी चर्च के पादरी द्वारा जब किसी नन का यौन शोषण किया जाता है या फिर किसी नन को कोई पादरी बिस्‍तर पर जबरदस्‍ती ले जाता है, तो नन कहती हैं कि पादरी ने उन्‍हें गलत तरीके से छुआ और चूमा। दरअसल, नन चर्च के पादरी को ईसा मसीह का प्रतिनिधि मानते हैं। यौन उत्‍पीड़ का शिकार एक नन ने अपनी कहानी की शुरुआत में कहा- ‘वह नशे में था।’ वहीं दूसरी नन ने कहा- आपको नहीं पता कि न कैसे कहना है। चर्च में नन लगातार यौन शोषण का शिकार हो रही है, लेकिन इसे रोकने के लिए सख्‍त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
द वेटिकन को लंबे समय से एशिया, यूरोप, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में पादरियों और बिशपों द्वारा यौन उत्पीड़न के बारे में पता है, लेकिन इसे रोकने के लिए बहुत कम काम किया है, द एसोसिएटेड प्रेस ने पिछले साल रिपोर्ट किया था। अब एपी ने भारत जैसे देशों में ननों की स्थिति की जांच की और चर्च के भीतर यौन शोषण के दशकों पुराने इतिहास को उजागर किया। ननों ने पादरियों से यौन दबाव के बारे में विस्तार से वर्णन किया और लगभग दो दर्जन अन्य लोगों- नन, पूर्व नन और पुजारियों और अन्य ने कहा कि उन्हें ऐसी घटनाओं का प्रत्यक्ष ज्ञान था।

फिर भी भारत में चर्च में ननों से दुष्‍कर्म का पैमाना अस्पष्ट बना हुआ है, जो मौन की एक शक्तिशाली संस्कृति से भरा हुआ है। कई नन का मानना ​​है कि दुर्व्यवहार आम बात है। इस दौरान यह भी पता चला कि ज्यादातर नन कम से कम एक पुजारी की यौन शोषण के बारे में बता सकती हैं। हालांकि कुछ का मानना ​​है कि यह दुर्लभ बात है। वहीं अधिकांश केवल उसी स्थिति पर बोलती हैं, जिसकी पहचान नहीं की गई है।

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