मध्यप्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार बड़े पैमाने पर प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले नहीं कर पाएगी। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के काम से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना अनुमति हटाने पर रोक लगा दी है। ऐसा माना जा रहा था कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य सरकार कई अधिकारियों का तबादला कर सकती है। इनमें उन अधिकारियों के नाम शामिल हैं जो लंबे समय से एक ही विभाग में तैनात हैं या जो भाजपा सरकार के चहेते रहे हैं।
मतदाता सूची का होगा काम
मार्च के पहले पखवाड़े में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। इसी के मद्देनजर चुनाव आयोग तैयारियों में जुट गया है। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप यादव ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण होना है। 26 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होगा। इसके साथ ही मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के दावे-आपत्ति का कार्य शुरू हो जाएगा।
25 जनवरी तक दावे-आपत्ति लिए जाएंगे और 11 फरवरी के पहले इनका निराकरण किया जाएगा। 18 फरवरी तक मतदाता सूची की तैयारी कर 22 फरवरी को अंतिम प्रकाशन कराया जाएगा। इसी सूची के आधार पर लोकसभा चुनाव होंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मतदाता सूची के काम में कमिश्नर, कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी व शिक्षक मिलकर 70 हजार से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के काम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना अनुमति हटाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इन विभागों में फेरबदल संभव
मुख्यमंत्री पद संभालते ही कमलनाथ को मुख्य सचिव को चुनना है। नए मुख्य सचिव के चयन के बाद ही प्रशासनिक जमावट होगी। मीडिया की खबरों के मुताबिक कांग्रेस सरकार गठन के साथ ही गृह, कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, जनसंपर्क, नगरीय प्रशासन और सामान्य प्रशासन विभाग में बड़े स्तर में अधिकारियों को बदला जा सकता है। इसके साथ ही प्रशासनिक फेरबदल भी हो सकते हैं।
भाजपा नेताओं के रिश्तेदार अधिकारी हटेंगे!
प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही भाजपा नेताओं के रिश्तेदार अधिकारियों का भी हटना तय है। इन अधिकारियों की तैनाती विधानसभा चुनाव से ठीक पहले की गई थी। जिसमें जनसंपर्क विभाग में तैनात आईपीएस अधिकारी आशुतोष प्रताप सिंह, नगर निगम भोपाल के आयुक्त अवनीश लवानिया का नाम शामिल है। आशुतोष शिवराज सिंह चौहान के भांजे दामाद हैं, जबकि लवानिया पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं।
अधिकारियों को बदले जाने के साथ ही विभागों में भी कई बदलाव किए जाएंगे। कांग्रेस सरकार ने वचन पत्र के मुताबिक पहले 10 दिनों के अंदर किसानों की कर्ज माफी, समेत कई चुनावी वादे हैं जिसे पूरा करना सरकार की प्रतिबद्धता है।
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