नर्मदापुरम के सोहागपुर में ग्राम अंजनेरी में बने गोविंद वेयरहाउस में रखी 14 करोड़ की सरकारी मूंग में किया गया अपमिश्रण , वेयरहाउस के जिला प्रबन्धंक ने सोहागपुर थाने में वेयरहाउस मालिक के विरुद्ध दर्ज कराई एफआईआर
मुकेश अवस्थी,नर्मदापुरम।
पिछले साल वर्ष 2023 में मार्कफेड द्वारा मूंग खरीदी की गई थी , जिसे सरकार द्वारा नीलाम किया गया था , जिसके बाद पिपरिया के महेश ट्रेडर्स द्वारा मूंग का उठाव किया जाने और वेंडर को खराब मूंग मिली जिसमें कंकड़ पत्थर और खराब मूंग अधिक मात्रा में थी। ऐसे में वेंडर ने जिला कलेक्टर सहित , वेयरहाउस कार्पोरेशन और कृषि विभाग को पत्र लिखकर मूंग उठाने से मना कर दिया।
जिसके बाद जिला कलेक्टर ने एक टीम बनाकर गोविंद वेयरहाउस में रखी सरकारी मूंग की जांच कराई जिसमे पाया कि 14 करोड़ की मूंग को बदल कर उसमें मिलावट की गई है,नीलामी में जिस व्यापारी द्वारा 17 हजार क्विंटल मूंग का उठाव किया जा रहा था तब घोटाला सामने आया।
शिकायत जांच पश्चात सही पाए जाने पर वेयरहाउस कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक नगीन वर्मा द्वारा सोहागपुर थाने में लिखित शिकायत की गई जिस पर वेयरहाउस मालिक सुमि सोमानी निवासी गुमास्ता नगर इंदौर के खिलाफ आईपीसी की धारा 407 , 406 की एफआईआर दर्ज करवा कर गोविंद वेयरहाउस को ब्लैकलिस्ट करने शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर , पिपरिया क्षेत्र के रकबे में मूंग की पैदावार अच्छी होती है, जिसके चलते पिछले साल शासन द्वारा मूंग खरीदी कर गोविंद वेयरहाउस में मूंग का रखाव करवाया गया था, शासन द्वारा मूंग की नीलामी की गई जिसे पिपरिया की फर्म महेश ट्रेडर्स को टेंडर मिला, जब फर्म ने मूंग का उठाव शुरू किया तो 17 हजार क्विंटल मूंग में से 14 हजार क्विंटल मूंग में दाल, मिट्टी और कंकड़ युक्त अमानक मूंग मिली , जिसे उठाने से फर्म ने मना कर दिया, जिसकी कीमत 14 करोड़ बताई गई है। जिसके बाद जिला कलेक्टर सोनिया मीणा द्वारा एक जांच दल गठित किया गया जिसमें कृषि विभाग से आरएस राजपूत,मार्कफेड के विजय चौहान व वेयर हाउस निगम के राहुल शर्मा के जांच प्रतिवेदन पर इंदौर की सुमि सोमानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, बताया जा रहा है कि मूंग खरीदी में दोषी अधिकारियों पर भी शासन बड़ी कार्यवाही कर सकता है।
जांच दल की रिपोर्ट पर हुई कार्यवाई
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जे आर हड़ाऊ ने जानकारी देकर बताया है कि वेयरहाउस में मार्कफेड की मूंग रखी गई थी, जिसके चलते फर्म महेश ट्रेंडस मूंग उठाव कर रहा था, पहले 15 स्टेक में अच्छी मूंग थी लेकिन अंदर के सेम्पल लेने पर देखा कि बोरियों में खराब मूंग भरी है जिसमे कंकड़ , दाल और मिट्टी भरी हुई है। मूंग की बोरियों पर डबल सिलाई है जिसमे समिति के टैग भी नही लगे है। जांच दल की रिपोर्ट के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है।
पिछले सालों में जमकर हुई धांधली
बता दे कि नर्मदापुरम जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग मार्कफेड द्वारा खरीदी गई , जिसमे रसूखदारों सहित राजनेतिक लोगो द्वारा मूंग में मिलावट कर हेराफेरी की गई। जिसको लेकर स्थानीय मीडियाकर्मियों द्वारा इस धांधली की जानकारी प्रशासन को भी दी गई लेकिन कोई कार्यवाई नही की गई। अब सूबे के नए मुख्यमंत्री ने राज्यस्तरीय टीम बनाकर प्रदेश भर में कार्यवाई के निर्देश दिए है। उधर चर्चा इस बात की है कि वेयरहाउस मालिक के अलावा अन्य लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज नही की गई , जबकि वेयरहाउस की एक चाबी एमपी सी डब्ल्यू सी ब्रांच मैनेजर के पास होती है। वही यदि चाबी का उपयोग नही किया गया तो पूरा माल पहले से ही अमानक स्तर का है जिसे स्टेक में साठगांठ से लगा दिया गया था।
इनका कहना है
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है, एक चाबी एमपी सी डब्ल्यू सी के ब्रांच मैनेजर के पास होती है, आगे पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी।
नगीन वर्मा जिला प्रबंधक वेयर हाउस कार्पोरेशन नर्मदापुरम।
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