ऐसा किसान जिसकी आगामी फसल के पूर्व फसल की बोली लगी एक करोड़

बाड़ी के किसान  जोगेन्दर की आगामी केला फसल की व्यापारियों ने लागायी एक करोड़ कीमत, केले की खेती में लागत का पांच गुना से ज्यादा मुनाफा
नवलोक समाचार, बाड़ी/रायसेन
कृषि क्षेत्र में आ रहे बदलाव को देखते हुए आज का समय उन्नत खेती का है। कम लागत और कम परिश्रम से अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की ओर रायसेन जिले के किसान अग्रसर हो रहे हैं। विगत कुछ वर्षो से जिले में किसान परम्परागत खेती के स्थान पर  गुलाब, झरबेरा, गेंदा सहित अन्य फूलों के साथ ही संतरा, किन्नु, अमरूद, पपीता, केला एवं अन्य उद्यानिकी फसलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
बाड़ी तहसील के ग्राम केवलाझिर निवासी श्री जोगेन्दर सिंह को जिले में प्रगतिशील किसान के रूप जाना जाता है। उन्होंने खेती की नवीन तकनीकों एवं संसाधनों का उपयोग करते हुए परंपरागत खेती से हटकर अलग-अलग फसलों की खेती के लिए एक अलग पहचान बनाई है। श्री जोगेन्दर सिंह इस सीजन में केले की खेती कर रहे हैं और केले की खेती का यह पहला अवसर है। श्री सिंह बताते है कि केले की खेती का न तो कोई अनुभव है और न ही इस क्षेत्र में कोई किसान केले की खेती कर रहे हैं। मेरे लिये यह नवीन प्रयोग की तरह ही है। उन्होंने बताया कि केले की खेती शुरू करने से पहले इस खेती के अनुभवी किसानों और विशेषज्ञों से सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी ली और अभी भी लगातार परामर्श ले रहा हॅूंं।
श्री जोगेन्दर सिंह ने बताया कि वह 15 एकड़ में केले की खेती कर रहे हैं। सिंचाई के लिये ड्रिप पद्धति का उपयोग कर रहे हैं। एक एकड़ में लगभग 1725 केले के पौधे लगे हैं। सभी पौधे पांच फिट की दूरी पर लगाए गए हैं। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान जुलाई में 15 एकड़ में केले के पौधे लगाये थे। उन्हें अभी तक कुल 17 लाख 50 हजार रूपये की लागत आई है और फसल आने तक कुल 19 लाख रूपये की लागत आएगी। उन्होंने बताया कि एक पौधे में लगभग 25 से 45 किलो तक फल लगेगा। अच्छी गुणवत्ता का फल होने पर 15 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकेगा। उन्होंने बताया कि वे पौधे का विशेषज्ञों के बताए  अनुसार पूरा ध्यान रख रहे हैं ताकि फल की गुणवत्ता अच्छी हो। उन्होंने बताया कि फसल आने के 4-5 माह पहले क्रय करने वाले केला व्यापारी केले के तने के आकार को देख कर फल का अनुमान लगाते हुए कीमत लगाते हैं।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान केले की डिमान्ड एकदम गिरने तथा मजदूरों की कमी के कारण केले की खेती करने वाले कई किसानों इस सीजन में खेती नही कर रहे हैं। इससे आने वाले जून-जुलाई में केले की मांग तेजी से बढ़ने के कारण ज्यादा मुनाफा की उम्मीद है। वे बताते हैं कि हाल ही में दिल्ली के एक व्यापारी ने आगमी फसल की 90 लाख रूपये तथा एक अन्य व्यापारी ने एक करोड़ रूपए कीमत लगायी है। लेकिन केले की खेती करने वाले अन्य किसानों ने चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि उनकी फसल एक करोड़ बीस लाख रूपये से अधिक की होगी। इसलिये वे एक करोड़ से अधिक दाम मिलने पर ही फसल बेंचेगे। उन्होंने बताया कि अन्य केला व्यापरियों ने भी सम्पर्क किया है।

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बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगता था, आज सफल और समृद्ध किसान हैं जोगेन्दर

श्री जोगेन्दर सिंह ने बताया कि उनकी पढ़ाई में बिल्कुल रूची नहीं थी। खेती या व्यापार कुछ भी करने के लिये पढ़ना जरूरी है इसलिए हायर सेकेण्डरी के बाद पढ़ाई छोड़ दी। वे अपने परम्परागत खेती के काम को केवल आगे ही बढ़ाना नहीं चाहते थे बल्कि खेती में नवीन तकनीकों एवं उन्नत खाद बीजों का उपयोग कर ज्यादा लाभकारी बनाना चाहते थे। इसके लिए उनका रूझान उद्यानिकी फसलों की ओर गया। उन्होंने कुछ साल पहल संतरे का बगीचा भी लगाया था। खाली जमीन पर सागौन वृक्ष का प्लानटेशन भी किया था। आज जोगेन्द्र सिंह रायसेन जिले के सफल और समृद्ध किसान हैं।

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