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सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए दिल्ली में लामबंदी

भोपाल . कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर सियासत तेज हो गई है। चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में 20 से अधिक विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है।
साथ ही वे सिंधिया के निवास पर भी गए। साथ ही मुखर होकर आलाकमान से सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की है। इससे कांग्रेस के भीतर खींचतान बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। सिंधिया ने फिलहाल इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।

मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में पिछड़े सिंधिया के लिए अब प्रदेश अध्यक्ष का पद अहम माना जा रहा है। जबकि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनके नाम की भी चर्चा तेज है। इसके अलावा सुरेश पचौरी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक भी चाहते हैं कि उन्हें संगठन की कमान दी जाए।

इन सबके बीच यह तय हो गया है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद केंद्रीय स्तर पर जल्द ही पीसीसी अध्यक्ष तय होगा। इसके पीछे बड़ी वजह लोकसभा चुनाव बताया जा रहा है। इसलिए जनवरी में ही पीसीसी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की अटकलें हैं।

सिंधिया का दावा इसलिए मजबूत माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ का चयन होने के बाद उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले। हालांकि वे राहुल गांधी के नजदीक भी हैं। राजस्थान मॉडल पर जाते हैं तब भी सिंधिया का दावा मजबूत है क्योंकि वहां सचिन पायलट ने बखूबी अपना काम किया।

सिंधिया के पक्ष में दिल्ली पहुंचे विधायक : तुलसी सिलावट, बनवारी लाल शर्मा, कमलेश जाटव, रणवीर जाटव, उमंग सिंघार, मुन्ना गोयल, इमरती देवी, ओपीएस भदौरिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, रघुराज कंसाना, गिरिराज दंडोतिया, संतराम सिरोनिया समेत अन्य शामिल हैं। इन समर्थकों की मानें तो वे दिल्ली आलाकमान से बात करेंगे। इस्तीफे की धमकी भी दे सकते हैं।

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