ग्वालियर में 5.5 डिग्री पर पहुंचा पारा, भोपाल में थोड़ी राहत; ठंडी हवाएं दे रहीं सिरहन

भोपाल. उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं ने पूरे प्रदेश को कंपा कर रख दिया है। हालांकि ग्वालियर-चंबल संभाग को छोड़कर बाकी प्रदेश में बीते 24 घंटों में कड़ाके सर्दी से थोड़ी राहत मिली है। बीते करीब एक पखवाड़े से 10 डिग्री से नीचे चल रहा न्यूनतम तापमान 11 डिग्री को पार कर गया है। लेकिन सात किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं सिहरन पैदा कर रही हैं।

ग्वालियर-चंबल संभाग में कोहरे के साथ कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। मंगलवार को यहां न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं भोपाल में 11.4 और इंदौर में 14.0 दर्ज किया गया। खजुराहो में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री दर्ज किया गया। दिसंबर में ऐसी ठंड आठ साल बाद पड़ी है। इससे पहले 2010 में 15 दिन रात का तापमान 10 डिग्री से कम रहा था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तीन- चार दिन तक मौसम में खास बदलाव होने के आसार नहीं हैं।

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विंड पैटर्न बरकरार : मौसम एक्सपर्ट शैलेंद्र कुमार नायक ने बताया कि उत्तर से लगातार सर्द हवा आ रही है। साइक्लोन की वजह से कुछ दिन तक यह हवा तेजी से आई। विंड पैटर्न लगातार बरकरार रहा। इस वजह से रात का तापमान 10 डिग्री से कम बना हुआ है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस का यहां कितना असर होगा, यह उसकी तीव्रता पर भी निर्भर करेगा।

ग्वालियर: पहाड़ों में बर्फबारी होने व मौसम शुष्क होने के कारण शहरवासी 10 दिन से कंपकंपाने वाली सर्दी से परेशान हैं। 24 घंटे में से केवल 3 घंटे दोपहर में धूप निकलने से सर्दी से राहत मिल रही है। इसके बाद बर्फीली हवा चलने से लोग ठिठुरते हुए नजर आते हैं। कड़ाके की सर्दी में लोगों की दिनचर्या बदल गई है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री दर्ज किया गया। पूरा संभाग घने कोहरे की चपेट में हैं। दृश्यता 200 मीटर रिकॉर्ड की गई। इससे वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया।

बाजार समय से पहले किए जा रहे बंद : कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू होने के कारण मौसम ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। अब लोग सुबह 8 से 9 बजे के बीच घूमने के लिए निकल रहे हैं। इतना ही नहीं सर्दी के चलते सुबह घूमने वाले लोगों की संख्या कम हो गई है। देर रात तक खुलने वाले बाजार अब रात 8 बजे ही बंद हो जाते हैं। सड़कों पर रात 9 बजे के बाद सन्नाटा पसर जाता है, क्योंकि रात 8 बजे के बाद ही पारा 12 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है।

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