खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां पर धमकियां देने और ब्लैकमेलिंग की शिकायत की जांच के लिए एसपी इंवेस्टिगेशन सतनाम सिंह व एएसपी संदीप मलिक की एसआईटी टीम बनाई गई है। कपूरथला के एसएसपी सतिंदर सिंह ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी और साथ ही जांच पूरी करने के लिए एक माह की मोहलत मांगी।
हाईकोर्ट ने इस अपील को तो स्वीकार कर लिया, लेकिन पूर्व एसएसपी संदीप शर्मा द्वारा झूठी जानकारी देने के मामले की जांच डीजीपी को सौंपते हुए इसकी जानकारी कोर्ट को देने के आदेश दिए हैं। कपूरथला के एसएसपी सतिंदर सिंह ने हाईकोर्ट में पेश होकर बताया कि उन्होंने राधे मां के खिलाफ मिली शिकायत की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है।
यह एसआईटी 1 महीने के भीतर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। शिकायतकर्ता ने जो कॉल रिकार्डिंग दी थी उसका मिलान राधे मां के जगरातों, टीवी कार्यक्रम के दौरान की फुटेज से प्राप्त वॉयस सैंपल से मिलान के लिए सीएफएसएल को भेजा था। रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें कहा गया है कि दोनों वॉयस सैंपल काफी हद तक मिलते हैं और कॉल रिकार्डिंग वाली आवाज राधे मां की हो सकती है।
हाईकोर्ट ने इस केस की जांच के लिए फिलहाल दो माह की मोहलत दे दी है। हालांकि सतिंदर सिंह से पहले एसएसपी रहे संदीप शर्मा के झूठी जानकारी देने के मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने इस पर पंजाब पुलिस के डीजीपी को एन्क्वायरी मार्क कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
फगवाड़ा निवासी सुरेंद्र मित्तल ने याचिका दायर कर कहा था कि राधे मां से उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं कि वह उनके खिलाफ न बोले। उसने इस मामले में पुलिस से शिकायत की थी कि राधे मां जागरण में खुद को मां दुर्गा का अवतार कहकर त्रिशूल धारण कर बैठती हैं। इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। याचिका में कहा गया कि उनके साथ कई लोगों ने राधे मां का विरोध किया था और जागरण नहीं होने दिया था।
इसके बाद उन्हें राधे मां की तरफ से पहले तो फोन कर रुपये का ऑफर दिया गया। ऑफर स्वीकार न करने पर उन्हें धमकियां मिलने लगी कि वे उनके मामले में दखल न दें। धार्मिक भावनाएं आहत करने, रुपये ऑफर करने व धमकियां मिलने को लेकर उन्होंने पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने राजनीतिक प्रभाव में कोई कार्रवाई नहीं की।
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