जबलपुर- बीजेपी की पहली लिस्ट से राकेश सिंह के गढ़ में मचा बवाल, कई नेता खडी करेगें मुसीबत

विवेक तिवारी ,जबलपुर।

पाटन में आशीष का विरोध,पश्चिम में बब्बू का भितरघात तो संजय पार्टी को हराने को तैयार, जबलपुर में कई सीट खुद के विरोध के चलते जाएंगी हाथ से

राजनीति में हर एक को टिकट की चाह होती है और टिकट न मिल पाए तो वो पार्टी की लुटिया डुबाने में भी परहेज नही करते ,मध्यप्रदेश में भी कुछ यही हाल है अगर पार्टी नेता भक्ति के आधार पर टिकट देती है तो जमीनी कार्यकर्ता नाख़ुश नजर आते हैं और फिर उम्मीदवार को हराने की तैयारी में लग जाते हैं, पार्टी कितना भी बोले सब सामान्य है लेकिन अंदरूनी तौर पर कार्यकर्ताओं का आक्रोश सामने आ ही जाता है अब बीजेपी ने जब पहली लिस्ट जारी कर दी है उसमें 5 सीटिंग विधायक को बरकरार रखा गया है पूर्व विधानसभा से अंचल सोनकर ,बरगी से प्रतिभा सिंह ,पनागर से सुशील तिवारी, सिहोरा से नंदनी मरावी और केंट से अशोक रोहाणी उम्मीदवार होंगे ऐसे में बची सीटों पर बवाल मचा हुआ है हम अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग में जबलपुर की उन सीटों की तस्वीर सामने ला रहे हैं जहाँ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह तो कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को भी परेशानी में डाल दिया है कांग्रेस बरगी में उम्मीदवार के चयन को ले कर मुश्किल में है तो बीजेपी पाटन में बीजेपी के ज़मीनी कार्यकर्ताओं के आक्रोश के चलते किसी निर्णय लेने में बार बार विचार कर रही है यही हाल पश्चिम विधानसभा का है. जहाँ पूर्व विधायक हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू को अगर पार्टी टिकट नही देती है तो उसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है तो मंत्री शरद जैन जो मध्य विधानसभा से विधायक है उनका नाम भी लिस्ट से गुम है कहा जा रहा है की इनका सर्वे में नाम हार की कगार पर लिहाजा पार्टी यहाँ से धीरज पटेरिया या प्रीति बाजपेई के नाम पर विचार कर रही है।
पाटन में आशीष का विरोध
जबलपुर की पाटन विधानसभा एक वक़्त बीजेपी की गढ़ मानी जाती थी लेकिन साल 2013 में यहाँ से मंत्री रहते हुए अजय विश्वनोई को कांग्रेस के नीलेश अवस्थी ने करारी शिकस्त दी परिणाम ये रहा हार के बाद मंत्री जी कभी वापस यहाँ नही गए और पाटन से चुनाव न लड़ने का ऐलान भी कर दिया,ऐसे में अब यहाँ उनके ही वक्त के ग्रामीण जिला अध्यक्ष आशीष दुबे टिकट की दौड़ में है लेकिन पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता पिछले चुनाव में हुई हार का कारण उनको ही मानते हैं यहाँ के कई बड़े नेता आशीष दुबे का चुनाव आने के पहले ही खुलेआम विरोध कर चुके हैं लिहाजा पार्टी अगर आशीष को यहाँ टिकट देती है तो पार्टी को अपने ही कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच हार का सामना करना पड़ सकता है।

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पश्चिम में बब्बू बिगाड़ सकते हैं गणित
जबलपुर की पश्चिम विधानसभा वैसे तो बीजेपी का गढ़ मानी जाती है लेकिन पिछ्ले चुनाव में यहाँ से पार्टी के आंतरिक विरोध के चलते हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू को हार का सामना करना पड़ा इस बार पार्टी दूसरे को टिकट देने तैयारी में है लिहाजा यहाँ से बब्बू विरोध कर सकते हैं और वो 3 बार यहाँ से विधायक भी रह चुके हैं लिहाजा उनके विरोध के चलते पार्टी इस सीट पर विशेष मंथन कर रही है इस सीट पर संघ की ओर से सदानंद गोड़बोले और जितेंद जामदार का भी नाम सामने आ रहा है लिहाजा इस सीट को ले कर पार्टी असमंजस में है।
बरगी में कांग्रेस की मुसीबत
बरगी में कमलनाथ गुट के संजय यादव जो की बाहरी नेता यानी की शहर छोड़ ग्रामीण की सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं वही वो पहले भी 2 बार चुनाव हार चुके है ऐसे में यहाँ के जमीनी नेता कमलनाथ को पत्र लिख कर साफ बोल चुके हैं अगर संजय  को टिकट दी गई तो  यहाँ विरोध के बीच पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है अब तस्वीर जो भी हो लेकिन मौजूदा वक्त में दोनों ही दलों के लिए ये सीटें प्रतिष्ठा का विषय भी बनी हुई है ।

मंत्री शरद जैन की भी मुश्किल बढ़ी

जबलपुर की मध्य विधानसभा से मंत्री शरद जैन विधायक है लेकिन इस सीट से सर्वे में वो कमजोर साबित हो रहे हैं लिहाजा पार्टी यहाँ से किसी अन्य नाम पर विचार कर रही है लेकिन इस सीट पर लगातार 3 बार से जीत तय करते आए हैं लिहाजा पार्टी यहाँ विचारणीय मुद्रा में है।

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