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जनसुनवाई बंद, सीएम हेल्पलाइन से भी मदद नहीं, नामांतरण-डायवर्सन भी ठप

भोपाल . विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण राजधानी समेत प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में जनता से जुड़े तमाम काम बंद हैं। जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए बनाई गई व्यवस्थाएं ठप हैं। सबसे ज्यादा असर राजस्व से जुड़े कामों पर पड़ा है, नामांतरण, बंटान से लेकर डायवर्सन और सीमांकन के तमाम काम फिलहाल बंद हैं।
अधिकारियों और कर्मचारियों की चुनावों में ड्यूटी के कारण दो माह से कामकाज हो ही नहीं पाया है। कलेक्टोरेट से लेकर हर सरकारी दफ्तर में मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई पूरी तरह बंद हैं, वहीं सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें तो दर्ज की जा रही हैं, लेकिन निराकरण का काम पूरी तरह ठप पड़ा है।

नई सरकार के शपथग्रहण तक रहेगा अाचार संहिता का प्रभाव-प्रदेश में चुनाव के दिन यानी 6 अक्टूबर से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। इसका असर मतगणना के बाद नई सरकार के शपथग्रहण तक रहेगा। आयोग के अफसरों के मुताबिक 13 दिसंबर तक सामान्य रूप से आचार संहिता प्रभावी रहेगी। लेकिन इस बीच जनता से जुड़े जरूरी काम आयोग की अनुमति लेकर शुरू किए जा सकते हैं।

जनसुनवाई..हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में लगभग 250 शिकायतें प्रति सप्ताह आती थीं। जनसुनवाई को बंद हुए दो माह (8 सप्ताह) पूरे हो चुके हैं। यह कब शुरू होगी, इस बारे में कोई निर्देश शासन स्तर से अभी तक जारी नहीं हुए हैं। जनसुनवाई की पिछली लगभग 6 हजार शिकायतें भी जिला प्रशासन के पास लंबित हैं, जिनका निराकरण अब तक नहीं हो पाया है।

सीएम हेल्पलाइन…सीएम हेल्पलाइन में भोपाल जिले की 11994 शिकायतें वर्तमान में लंबित हैं। जनवरी 2018 से अब तक कुल 79740 शिकायतें भोपाल जिले के लोगों द्वारा की गई थीं, जिनमें से 60% शिकायतों को लेबल-4 पर पहुंचने के बाद गैरजरूरी मानकर फोर्सली क्लोज (जबरिया बंद) कर निराकृत कर दिया गया। चुनाव के दौरान शिकायतें दर्ज करने का काम तो होता रहा, लेकिन निराकरण नहीं हुए।

राजस्व प्रकरण…भोपाल जिले में नामांतरण, बंटान और सीमांकन के 9097 केस लंबित हैं, जिनकी कार्यवाही जहां की तहां थमी हुई है। नए प्रकरणों को दर्ज ही नहीं किया जा रहा है। प्रकरण लेकर आने वाले किसानों को चुनाव के बाद आवेदन करने की बात कहकर लौटाया जा रहा है। राजस्व से जुड़े लगभग 30 हजार पुराने केस पहले से ही लंबित हैं।

बीमारी सहायता…गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान, मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना समेत तमाम योजनाओं के जरिए मिलने वाली बीमारी सहायता राशि मिलना फिलहाल बंद हैं।
नए राशन कार्ड…गरीबी रेखा से जुड़े लोगों के नए राशन कार्ड बनाने का काम पूरी तरह बंद हैं। राशन कार्ड में अपडेशन का काम भी फिलहाल बंद हैं। हर दिन कई आवेदक कलेक्ट्रेट में इसकी पूछताछ करने पहुंचते हैं।

नवीन निर्माण और विकास परियोजनाएं…राजधानी में निर्माण और विकास से जुड़े लगभग आधा सैकड़ा कामों के टेंडर अटके हुए हैं। वहीं कुछ प्रोजेक्ट तो ऐसे हैं जिनके टेंडर फाइनल हो गए, लेकिन वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो सके। सड़कों के निर्माण से लेकर रहवासी क्षेत्रों में सीसी रोड, बाउंड्रीवॉल और पार्कों के मेंटेनेंस इसमें शामिल हैं।

ये भी बंद {समाधान ऑनलाइन {मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के रजिस्ट्रेशन {विकास कार्य से जुड़े नए टेंडर और वर्क ऑर्डर बंद हैं {जाति प्रमाण और मूल निवास प्रमाण पत्रों के आवेदन भी पेडिंग।

बस कुछ दिनों की बात है, सब यथावत शुरू हो जाएगा
^चुनावों के दौरान निर्वाचन से जुड़े कामों में व्यस्तता के तमाम काम लगभग बंद ही थे। जबकि कुछ आयोग के निर्देशों के कारण बंद करने पड़े। आचार संहिता परिणाम आने तक प्रभावी रहेगी ही, अब बस कुछ दिनों की बात और है, इसके बाद शासन के निर्देश मिलते ही सभी काम यथावत शुरू किए जाएंगे। यदि कोई बहुत जरूरी मामला सामने आता है, तो आयोग से अनुमति लेकर आम जनता का काम किया जाएगा। – सुदाम खाड़े, कलेक्टर भोपाल

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