दिनदहाड़े लूटकांडके आरोपियों को पुलिस ने दबोचा

राजू प्रजापति।

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छतरपुर ।मुख्य आरोपी कट्टा समेत अभी भी फरार।साइवर सैल की मदद से मिली सफलता।लोकेशन के आधार पर पकड़ में आये आरोपीयो।ने 21 नवम्बर की दोपहर को कट्टा की नोंक पर दिया था ।घटना को अंजाम।नगर घुवारा में पहली बार दिनदहाडे विगत 21 नवम्बर की दोपहर करीब 12:30 बजे दो नकाबपोश बाईक सबारों ने नगर के भगवां रोड़ पर किसान वेयर हाऊस के पास एक गल्ला व्यपारी मुकेश जैन निवासी घुवारा
पर लुटेरों द्वारा कट्टा अड़ाकर 35 हजार रूपये नगद एवं एक एंड्रॉयड फोन को लूट कर ले गये थे।जिसमें फरयादी के द्वारा घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचना दी थी ।जिस पर घुवारा पुलिस एवं भगवां थाना पुलिस ने मिलकर उन आरोपियों की काफी तलाश की लेकिन कहीं पर भी पता न चल सका इसके बाद पुलिस ने साइवर सैल टीम छतरपुर की मदद ली,जिसमें घटना के दिन और घटना स्थल ऐरिया की लोकेशन निकाली गई।जिसमें चार नम्बर बाहर के लोगों के निकले और पुलिस को यहीं से आरोपियों तक पहुंचने में सफलता प्राप्त होने एवं इस लूटकांड का भंडाफोड़ने में मदद मिली।बाहर के लोगों की लोकेशन मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक छतरपुर विनीत खन्ना एवं बड़ामलहरा एसडीओपी पी.के.सारस्वत के निर्देशन में पुलिस की एक टीम गठित की गई और आरोपियों के मोबाईल लोकेशन के आधार पर अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी गई।और चार आरोपियों मे से तीन आरोपियों को गिरफ्तार करके पुलिस घुवारा लेकर आई।और अपने स्तर से पूंछतांछ की गई।जिसमें तीनों आरोपियों की पहचान विष्णु ताम्रकार पिता रमाशंकर ताम्रकार उम्र-28 वर्ष निवासी डोंगरपुर,दूसरा सोनू उर्फ सुरेन्द्र शर्मा पिता हरिनारायण शर्मा निवासी विश्वनाथ कॉलोनी छतरपुर,और तीसरे की पहचान वृन्दावन पटेल पिता रामदयाल पटेल निवासी ग्राम झमटुली के रूप में पहचान की गई।जिसमें पुलिस ने तीनों आरोपीगणों से लूटे गये रुपयों में से 2500 रूपये नगद एवं मोबाईल को बरामद किया है।साथ ही पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है।जिसमें घुवारा थाना प्रभारी दीपक प्रताप सिंह यादव ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 392 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज कर बड़ामलहरा न्यायलय में पेश किया गया जहाँ से तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।वहीं अभी मुख्य आरोपी की तलाश जारी है। । इस लूट कांड का पर्दाफाश करने में मुख्य भूमिका रही । जिनमें पुलिस उपथाना प्रभारी दीपक प्रताप सिंह यादव,एएसआई के.के.कटारे,आरक्षक अभिनाश रिछारिया,आरक्षक
सतेन्द्र यादव,आरक्षक फूलसिंह राजपूत,एवं आरक्षक
चंदपाल रहे।इस दिनदहाड़े लूटकांड की घटना इससे पहले नहीं हुई थी,हालाँकि इस घटना से पहले करीब दो दर्जन से भी अधिक चोरियाँ हो चुकी हैं ।लेकिन खुलासा एक भी चोरी का नहीं हुआ।जिससे स्थानीय पुलिस पर सवालिया निशान लगने लगा था लूटकांड का खुलासा कर पुलिस में कुछ राहत की सांस ले लेकिन अभी भी स्थानीय निवासियों में चोरी का भवा दहशत बरकरार है क्योंकि चोर की वारदात को अंजाम देने वाले सरगना अभी पुलिस गिरफ्त से कोसों दूर है। इसलिए अभी भी पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा होता है
।एक मामले का खुलासा होने से बाकी की वारदातो पर पर्दा नहीं डाला जा सकता देखना ये है। कि उन अपराधियों पर कब पुलिस का शिकंजा कसता है। या वही पुराना राग तलाश जारी है ।

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