सचिन शुक्ला बैतूल/ शाहपुर
शाहपुर –जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में शासन की अति महत्वपूर्ण योजना मुक्तिधाम के निर्माण में भारी भृष्टाचार किये जाने की शिकायतों के बाद हरकत में आये जनपद पंचायत के अधिकारी ,आरईएस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ,उपयंत्री राजनैतिक दबाव के चलते अब पूरे मामले की लीपापोती करने में जुट गए है ।
जी हां मध्य प्रदेश शासन की मोक्षधाम योजना में जमकर पलीता लगाये जाने का मामला मीडिया में उजागर होने के बाद ग्राम पंचायतो के तकनीकी अमले द्वारा ग्राम पंचायत को नोटिस जारी किये जा रहे है जो पूर्णतः गलत कार्यवाही है. हम बता दें कि जब मोक्ष धाम का निर्माण कार्य किया जा रहा था, तब तकनीकी अमले द्वारा निरीक्षण किया जाता तो कार्य सुधारा जा सकता था उपयंत्री को गैर मौजूदगी एवं बिना निरीक्षण किये शेडो का निर्माण किया गया है. विधान सभा चुनावों में जंहा 6 महीने से भी कम का समय बचा हैं। तो वही सूबे की शिवराज सरकार जनता के बीच चौथी बार भाजपा सरकार के नारे के साथ दिन-रात जतन कर रही हैं परंतु इसके उलट घोड़ाडोंगरी विधान सभा के जनप्रतिनिधी विकास कार्यो को लेकर काफी बेपरवाह बने हुए हैं। अपने इलाके में बन चुके मोक्षधाम निर्माण में शासन की महत्वपूर्ण जन कल्याणकारी योजना में फर्जी वेंडरो द्वारा पूरे शाहपुर ब्लॉक में शेड निर्माण कार्य मे पलीता लगाया गया, शासन के स्टीमेट अनुसार मोक्ष धाम के शेड नही बनाये गये है. उक्त योजना में भृष्टाचार करते हुये किये गए के कार्य की जांच में जनप्रतिनिधी शिकायतों के बाद भी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। सूञों की माने तो ठेकेदार वेंडरो से अच्छी साठगांठ के चलते तकनीकी अमले द्वारा निरीक्षण नही किया गया है , आफिस में बैठे बैठे निरीक्षण कार्य की इति कर दी गई है. सांठगांठ के चलते वेंडरों ठेकेदारों से कम वजन के शेड लगवा दिये एवं राशि भी वेंडरो को उपहार स्वरूप आहरण करवा दी गई है. मोक्ष धाम शेड सप्लायर उक्त कार्य की सी सी जारी करवाने की फिराक में था जिससे पूरी राशि नियमानुसार मोक्ष धाम निर्माण कार्य के स्टीमेट शासन के द्वारा तैयार किया गया था. शासन के स्टेंडर्ड स्टीमेट अनुसार निर्णय कार्य नही किया गया अब तकनीकी अमले द्वारा सुधार का नोटिस पत्र लिखकर मोक्ष धाम निर्माण कार्य मे निरीक्षण के दौरान कमिया बताई गई एवं सुधार कार्य के नोटिश दिये । जबकि अधिकतर ग्राम पंचायतों में मोक्ष धाम निर्माण कार्य पूर्ण भी किया जा चुका है ।
नियमानुसार तकनीकी अमले को शासन के स्टीमेट अनुसार मोक्ष धाम निर्माण नही किया गया है वह मोक्ष धाम निर्माण कार्य रिजेक्ट किया जाना चाहिए। ऐसे में सवाल यह उठता है, कि पूरे निर्माण कार्य के दौरान जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी क्यामॉनिटरिंग करते है अधिकारी
जानकारी के मुताबिक ब्लॉक की अधिकतर ग्राम पंचायतो द्वारा मोक्ष धाम का निर्माण में सरपंच सचिवो ने शासन से प्राप्त स्टीमेट को ताक में रखकर अधिकारीयो की मिलीभगत से पूरी योजना में पलीता लगाया गया एवं चहेते फर्जी वेंडर के फर्जी बिल की राशि का आहरण भी करवा दिया। ऐसे में पूरी योजना की निर्माण कार्यो की निष्पक्ष जांच कराई जाती तो करोड़ो रूपये का भ्रष्टाचार का खुलासा होगा.
वेंडर द्वारा ग्राम पंचायतों को जो शेड दिए गए है.वह घटिया स्तर के है जो आने वाले कुछ दिनों में धराशायी हो सकते है ।
1 लाख 80 हजार से 2 लाख की लागत से होने वाले निर्माण कार्य मे अधिकारियों की मिली भगत से वेंडर ने पलीता लगा दिया. ऐसे में ग्रामीणों को इतनी महत्वाकांक्षी योजना का लाभ अधिक दिनों तक लाभ नही मिल पायेगा शेड टूट जावेगे कई शेड उपयोग होने से पहले छतिग्रस्त हो गये है जगरुख नागरिकों का कहना है कि जिम्मेदारी से जिम्मेदार अधिकारियों को कार्य करना चाहिये था वही जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुये अब पत्र लिखकर ग्राम पंचायत को निर्माण कार्य सुधारने के हिदायत दे रहे है जबकि अब मोक्ष धाम निर्माण कार्य सुधारा जाना संभव नही है ।ऐसे में जिले स्तर के अन्य विभाग के तकनीकी अमले से मोक्ष धाम निर्माण की जांच कराई जावे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जावेगा ।
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