नवलोक समाचार, सोहागपुर।
होशंगाबाद जिले की सोहागपुर तहसील में स्थापित मंदिर के पास प्राचीन पुरा पाषाण शिवपार्वति प्रतिमा के द्र्शन हेतु महाशिवराञि के दिन भक्तों का मेला लगेगा। यहां स्थापित पुरा पाषाण प्रतिमा शिव और पार्वति के अलिंगन मुद्रा में है। जिसमें शिवजी का पूरा परिवार सहित सभी गण भी स्पष्ट दिखाई देते है। शिवजी के इस मंदिर में विराजित प्रतिमा को देख ऐसा प्रतीत होता है जैसे शिवजी की आरती ओम जय शिव ओमकारा, इस प्रतिमा को देखकर ही रचित की गई है। या यूं कहे कि आरती के अनुसार प्रतिमा को मूर्ति बनाने वाले ने मूर्ति बनाई होगी। मध्यप्रदेश के कई स्थानों पर भगवान शिव जी की प्रतिमा स्थापित है, लेकिन होशंगाबाद जिले की सोहागपुर तहसील में यहां के प्रभात चंद्र तिवारी के खेत में हल बखरते समय निकली प्रतिमा अदभुत ही नही अलौकिक है। जिसे सन 1972 में यहां के हनुमान नाका स्िथत मंदिर के समीप ही मंदिर का निर्माण कर स्थापित किया है। प्रतिमा की विश्ोषता यह है कि प्रतिमा शिव और पार्वति के आलिंगन मुद्रा में है जिसमें पूरा शिव परिवार गणेश , कार्तिकेय, नंदी , सहित शिव जी के सभी गण भी दिखाई देते है। साथ ही प्रतिमा को बनाने वाले ने अपनी कलाकारी का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत करते हुए देवी पार्वति के हाथ में रखे पान और हाथों में लगी मेंहदी को भी स्पष्ट देखा जा सकता है।
महाशिवराञि को लगता है मेला।
प्रतिमा के स्थापित किये जाने के बाद से ही यहां भक्तों का मेला लगता है, जिसके चलते यहां खेत से प्रतिमा के निकलने के बाद मंदिर में प्रतिमा को स्थापित किये जाने के बाद से मेले का आयोजन किया जाने लगा है।जिसकी व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा की जाती है। भगवान शिव के विवाह स्वरूप में मनाई जाने वाली महाशिवराञि के दिन यहां देवालय में शिव पार्वति प्रतिमा के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। हम बता दें कि यहां स्थानीय सहित आस पास के ग्रामीण जन सहित दूर दराज से भी शिवभकतों का आगमन होता है। वही यह भी स्पष्ट कर दे कि यहां से 72 किलोमीटर की दूरी पर शिवनगरी पचमढी में भी महाशिवराञि के चलते , महाराष्ट से हजारों की संख्या में शिवभक्तों को आवागमन होता है ऐसा कहा जाता है कि देवी पार्वति को महाराष्ट्र के लोग बहन और भोले नाथ को बहनोई मानते है जिनके विवाह यानि शिवराञि के दिन उनके लिए उपहार लेकर पचमढी जाते है, जो कि वापिसी में सोहागपुर के शिवालय में स्थित भगवान शिव और देवी पार्वति के दर्शन करना नही भूलते।
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