भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि राज्यपाल ने ‘हम सबकी सरकार कैसे प्रदेश का भविष्य संवारेगी’, इस पर प्रकाश डाला है। सधे हुए कदमों से हम आगे बढ़ेंगे। सारी कठिनाइयों से लड़ेंगे। सुशासन की एक-एक सीढ़ियां चढ़ेंगे। हमारे सामने आर्थिक संदर्भों में कई चुनौतियां हैं, मगर उन्हें अवसर में बदलने का नाम ही मध्यप्रदेश है। भाजपा शासन के बीते 15 वर्षों के इतिहास की गलतियों से सबक नहीं लेंगे तो भविष्य हमें माफ नहीं करेगा। हमारी मान्यता है कि किए हुए काम अपना प्रचार खुद करते हैं। इसलिए हम सिर्फ कोरी घोषणाओं से बचेंगे। सारा ध्यान काम पर लगाएंगे। मुख्यमंत्री ने ये बात अपने ब्लॉग पर कही है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के नागरिकों ने नई सरकार को बदलाव के लिए चुना है। हम ‘मैं और मेरी’ हटाकर ‘हमारी सरकार’ स्थापित करना चाहते हैं। जब भी सत्ता ‘व्यक्ति केंद्रित’ होती है तो प्रजातंत्र को नुकसान पहुंचता है। इसमें सामूहिकता का बोध होना चाहिए। सरकार ठीक काम करे, इसके लिए प्रतिपक्ष मजबूत और जिम्मेदार होना चाहिए। हमारी लड़ाई प्रतिपक्ष के खिलाफ नहीं, बल्कि आर्थिक बदहाली, कुपोषण, अपराध, घटते रोजगार के अवसर और कम होते औद्योगिक निवेश के खिलाफ है। अन्नदाता भाइयों को कठिनाइयों से उबारना है। कर्जमाफी स्थाई समाधान नहीं है। वो सिर्फ अपनी फसलों के दाम चाहते हैं, ये हमें देना होगा।
सशक्तिकरण के लिए कदम: उन्होंने कहा कि बेटियां देवी हैं। उनके सशक्तिकरण के लिए कदम उठा रहे हैं। उनके ससुराल जाने के वक्त 51 हजार रुपए देकर पिता का फर्ज निभा रहे हैं। युवाओं की तरक्की तभी है, जब निवेश बढ़े। वो सिर्फ बड़े आयोजनों से नहीं होगा। लाल फीता शाही खत्म कर रेड कारपेट बिछाया जाएगा। गो-माता के लिए गोशाला हो, भगवान राम का वनगमन पथ या नर्मदा जैसी शास्त्रीय नदियों की अविरलता हो, हम अपने वचन-पत्र के प्रति पूरी प्रतिबद्धता से काम करेंगे। आदिवासी, अनुसूचित जाति या सामान्य हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे।
Comments are closed.