तलवार का मुकाबला तलवार से ही करना जाएज़- बलदेवसिंह

राजू प्रजापति
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भोपाल। श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के चार साहेब ज़ादे एवं माता गुजरी की शहादत पर्व गुरुद्वारा टी टी नगर में श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा के फूल शहीदों को याद कर गुरुग्रंथ साहिब जी के चारणों में भेंट किए।
इस अवसर पर रागी जत्था भाई बलदेव सिंह वडाला पंजाब, रागी जत्था भाई जरनैल सिंह एवं गुरुद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथि ज्ञानी जसवंत सिंह ने एवं 2015 से 2017 तक के कीर्तन गुरमत प्रतियोगिता विजेताओं बच्चों ने कीर्तन प्रवचनों द्वारा संगत को गुरु चारणों के साथ जोड़कर निहाल कर दिया।

इस अवसर पर रागी जत्था भाई बलदेव सिंह वलडाला पंजाब ने कीर्तन प्रवचन में कहा – ” मित्र प्यारे नू, हाल मुरीदा दा कहना, तुद बिन रोग रजाइयां दा ओढन नाग निवासा दे रहना, सूल सुराही खंजर प्याला, बिंग क्साइयाँ दे रहना, मित्र प्यारे नू,हाल मुरीदा डा कहना। यारड़े दा सांनु सत्थर चंगा, भट्ठ खेड़या दा रेहना”
एवं उन्होंने कीर्तन में कहा ” सूरा सौ पहचानिये
जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा पुर्जा कट मरे कभू न छाडे खेत।”
उन्होंने प्रवचन में कहा “सिक्खी में शहादत दो प्रकार से दी गई है – पहला जबर, ज़ुल्म का मुकाबला सब्र शांति से करना गुरु अर्जुन देव जी को तत्ति तवी पर बिठाया गया और गर्म रेत में उबाल गया।
– दूसरा – जब दुश्मन हमारे सब्र को कमजोरी समझ ले तो फिर तलवार का मुकाबला तलवार से ही करना जाएज़ है, लड़ कर अपनी शहीदी प्राप्त करना।
भाई बलदेव सिंह ने प्रवचन में कहा – “हमे अपने बच्चों के अच्छे आचरण के लिए तैयारी करनी चाहिए ताकि वो भविष्य में अच्छे नागरिक बन कर अपने देश एवं कोम की सेवा कर सके।”
उन्होंने कहा कि माता गुजरी एवं चार साहिब ज़ादों की शहादत का यह पर्व हमे प्रेरणा देता है कि हम भी सत्य एवं धर्म पर अडींग होकर चलें एवं ज़ुल्म एवं दवाब के सामने झुके नहीं।
और बच्चों ने साका सरहन्द छोटे साहेब ज़ादे और साका चमकौर साहिब बड़े साहिब ज़ादों की शहादत की गाथा सुनाई।
बच्चों ने शहीदी पर चित्र बांये जिसकी प्रदर्शनी लगाई गई।
बच्ची हरलीन कौर ने अरदास करी और बच्ची तरनप्रीत कौर ने श्री गुरुग्रंथ साहिब जी में से हुकम नामा पढ़ कर सुनाया।
गुरुचरण सिंह अरोरा ने बताया है “30 दिसम्बर को गुरुद्वारा टी टी नगर में बच्चों के कीर्तन, लेक्चर और गुरबाणी कंठ मुकाबले होंगे।
इस अवसर पर गणमान्यनियें नागरिकों में गुरद्वारे के अध्यक्ष महंगा सिंह प्रवक्ता गुरचरण सिंह अरोरा और गुरमत स्टडी सर्किल के अध्य्क्ष जतिंदर सिंह चावला, उपकार प्रीत सिंह, अपजीत सिंह ओबेरॉय।

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