इस्लामाबाद. पाकिस्तान ने भारत के सिख अफसरों को गुरुद्वारों में प्रवेश करने से रोक दिया। दो दिन में ऐसे दो मामले सामने आने के बाद भारत ने कड़ा विरोध जताया है। सरकार ने शुक्रवार को पाकिस्तान को भेजे पत्र में कहा कि वह भारतीय अफसरों को बेवजह प्रताड़ित करना बंद करे। सरकार ने उसे हिदायत दी है कि वह भारत विरोधी प्रपोगैंडा चलाने वाले लोगों को अपने प्रशासन में हावी न होने दे।

यह मामला बीते बुधवार और गुरुवार का है। भारतीय अफसर रंजीत सिंह और सुनील कुमार गुरुनानक देव की 550वीं जयंती मनाने से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित गुरुद्वारा ननकाना साहिब और गुरुद्वारा सच्चा सौदा में गए थे। इन्हें बुधवार रात गुरुद्वारा ननकाना साहिब और गुरुवार सुबह लाहौर के नजदीक स्थित गुरुद्वारा सच्चा सौदा में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ही दी थी अनुमति
भारत ने कहा- इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के इन अफसरों को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ही यात्रा की अनुमति दी थी। इसके बावजूद इन्हें गुरुद्वारों में प्रवेश करने से रोक दिया गया। उन्हें वहां प्रताड़ित किया गया। इसके चलते वे भारतीय श्रद्धालुओं के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा किए बिना ही इस्लामाबाद लौटने को मजबूर हो गए।
भारतीय अफसरों को रोके जाने का पांच महीने में तीसरा मामला
दो मामले बुधवार और गुरुवार को सामने आए। तीसरा मामला इसी साल जून में हुआ, जब भारतीय उच्चायुक्त अजय बसारिया और उनकी पत्नी को रावलपिंडी स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
पाकिस्तान की दलील- भारत में बनी फिल्म सिखों की भावनाओं के खिलाफ
पाकिस्तान ने गुरुद्वारों में भारतीय अफसरों को प्रवेश नहीं देने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। पाकिस्तान के इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के सचिव तारिक वजीर ने बताया कि हमने भारतीय उच्चायोग से कह दिया था कि वे अपने अफसरों को ना भेजें, क्योंकि भारत में एक फिल्म ‘नानक शाह फकीर’ के प्रदर्शन से सिखाें की भावनाएं आहत हुई हैं। ऐसे में भारतीय अफसरों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
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