भूखा-नंगा कहकर कांग्रेस ने किया गरीबों, किसानों का अपमान, 7.5 करोड़ जनता देगी जवाब
पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा-क्या गरीब किसान का बेटा होना अपराध है?
नवलोक समाचार, भोपाल। हमारा कोई मान-अपमान नहीं है, हम तो जनता के सेवक हैं। कांग्रेस के लोग चाहे कुछ भी कहते रहें, हम जनता की सेवा करते रहेंगे। हमें व्यक्तिगत रूप से उस टिप्पणी पर कोई आपत्ति नहीं है और हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन गरीबों के लिए कांग्रेस नेता द्वारा ‘भूखे-नंगे’ शब्द का प्रयोग करना गरीबी का अपमान है। यह जनता का अपमान है, गरीबों का अपमान है, किसानों का अपमान है। प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता आने वाले चुनाव में अपने इस अपमान का जवाब कांग्रेस को देगी। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने मंगलवार को संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता में कही।
नंगे-भूखे कहना कांग्रेस के अंदर के भाव, उनकी संस्कृति हैं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम चुनाव को चुनाव की तरह लेते हैं, लेकिन पता नहीं हमारे कांग्रेस के मित्रों को क्या हो गया है। वे गरीबों को नंगा-भूखा कहते हैं। उन्होंने हमें भी नंगे-भूखे का नया नाम दिया है, लेकिन हम तो नंगे-भूखे ही भले। यदि जनता की सेवा के लिए नंगा-भूखा भी बनना पड़े तो मंजूर है। श्री चौहान ने कहा कि हमें नंगे-भूखे बताना कांग्रेस के अंदर के भाव हैं, उनकी संस्कृति हैं, जिसका ये प्रकटीकरण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं, मैं नारियल लेकर चलता हूं। मुझे तो याद नहीं है कि मैं कब जेब में नारियल रखता था। वास्तव में उन्हें नारियल से नहीं, भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे विकास पर आपत्ति है। हमने कोरोना काल में भी विकास के कार्यों को रूकने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि नारियल हमारी संस्कृति है। हम तो जनता को ही भगवान मानते हैं। अब कांग्रेस को जनता को प्रणाम करने पर भी आपत्ति है। वे कहते कि शिवराज सिंह ने घूटने टेक दिए हैं, लेकिन लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी जनता को झुककर प्रणाम करते हैं। हम भी उसी राह पर चलने वाले लोग हैं। हम जनता के सामने तो घुटने टेकेंगे, लेकिन दंभी, अहंकारी कांग्रेस और उसके उद्योगपति नेताओें के सामने कभी घुटने नहीं टेकेंगे।
उद्योगपति, शहंशाह ने छीनी कन्यादान योजना की राशि
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने मुझे नंगा-भूखा कहा, लेकिन मेरा तो कोई मान-अपमान नहीं है। हम तो जनता के सेवक हैं और अपनी जनता की सेवा में लगे रहते हैं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है, स्वागत है। बल्कि मैं तो ये कहूंगा कि हम नंगे- भूखे ही अच्छे हैं, क्योंकि नंगे-भूखे ही सरकार का उपयोग जनता की बेहतरी के लिए करते हैं। हम नंगे-भूखे हैं, इसलिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्जा देना शुरू किया है। हम नंगे-भूखे हैं, इसलिए किसान सम्मान निधि में चार हजार रूपए जोड़कर देने का फैसला किया। हम नंगे-भूखे ही अच्छे हमने बच्चों को फिर से लेपटॉप देना शुरू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री कमलनाथ आप बड़े आदमी हो, आपने उनकी फीस भरवाना बंद कर दी। आप उद्योगपति हैं, शहंशाह हैं बेटियों के कन्न्यादान के 51 हजार नहीं दिए। हम भूखे-नंगे फिर से बेटियों को कन्यादान की राशि देना शुरू कर रहे हैं। आपने बहनों के मुंह से लड्डू भी छिन लिए थे, हम फिर से पैसे देना शुरू कर रहे हैं। श्री कमलनाथ जी आपने तो गरीबों की मौत पर दी जाने वाली सहायता राशि भी बंद कर दी थी। आप उद्योगपति हो, आपने तो गरीबों की कुटिया नहीं बनने दी। किसान सम्मान निधि की सूची में किसानों के नाम नहीं जोड़े। हमने किसानों के नाम जोड़कर उनको उनका अधिकार दिलाया।
संसाधनों पर पहला हक गरीबों का, उन्हें ये हक दिलाकर रहेंगे
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्यायजी ने कहा था कि गरीबों की सेवा ही भगवान की पूजा है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी उसी राह पर चल रहे हैं और हम भी उसी मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने किसी को गरीब नहीं बनाया। कमलनाथ जी जैसे बुद्धि के चालाक एवं कुटिल लोग अपनी कुटिलता और ताकत का उपयोग करके उद्योगपति बन गए, लेकिन गरीब-गरीब ही रह गया। आप जैसे उद्योगपतियों ने ही अमीरी-गरीबी की लंबी खाई बनाई है। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धरती के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का ही है और उनका ये अधिकार हम हर कीमत पर दिलाकर रहेंगे।
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