
भोपाल. शहर को कड़ाके ठंड से फिलहाल भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन नए साल की शुरुआत में भी तेज ठंड पड़ने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि नए साल के शुरुआती दिनों में शाम से सुबह तक शीतलहर और कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसकी खास वजह यह है कि ठंड के लिए जरूरी माने जाने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर यहां पर भी पड़ सकता है।
इसका असर बुधवार रात से ही देखने को मिल रहा है, जब दो दिन रात के तापमान में बढ़ोत्तरी के बाद पारा 4 डिग्री लुढ़ककर 8.4 हो गया गया। जबकि मंगलवार की रात का तापमान 12.3 तक पहुंच गया था। जबकि दिन के तापमान में बुधवार को 1.4 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। भोपाल में दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। गुरुवार को भी सुबह से ही धूप खिली हुई है।
15 शहर शीतलहर की चपेट में : खजुराहो लगातार दूसरे दिन सबसे ठंडा रहा, यहां का रात का तापमान 3.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके साथ ही दतिया 5.0, नौगांव 5.0, ग्वालियर 5.4, मंडला 5.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग अनुसार आगामी 24 घंटों में ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी और मंडला जिलों में शीतलहर चलने की संभावना है। इसके अलावा मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, अनूपपुर और दक्षिणी हिस्से में आने वाले बालाघाट और डिंडौरी में देर रात से सुबह तक कोहरे बने रहने की संभावना है।
ऐसा रहा भोपाल का मौसम : 12-13 दिन की तेज ठंड के बाद शहरवासियों को दो दिन से ठंड से मामूली राहत मिली है। हवा का रुख बदलने से पिछले दो दिन से दिन और रात के तापमान में इजाफा हो रहा है। दिन का तापमान 27.0 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें 1.4 डिग्री का इजाफा हुआ। इसके बावजूद रात में ठंडक बनी हुई है। दो दिन से दिन में धूप भी निकल रही है। इससे पहले लगातार 12 दिन रात का तापमान 10 डिग्री से कम रहा था। बीच में दो दिन तो यह 6 डिग्री तक पहुंच गया था। पिछले 8 साल बाद इस बार दिसंबर ज्यादा ठंडा रहा। पिछले साल की तुलना में इस बार दिसंबर में रात का तापमान ज्यादा दिनों तक कम रहा।
सर्द हवाओं ने बढ़ाई ग्वालियर में ठंड, पारा 5.4 डिग्री
उत्तर से आ रही बर्फीली हवा के कारण कड़ाके की सर्दी ने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। बुधवार की रात का तापमान 5.4 डिग्री हो गया। हालांकि ये मंगलवार की रात के मुकाबले 0.4 डिग्री का मामूली इजाफा हुआ है।
बुधवार को तेज सर्दी के कारण एलएनआईपीई परिसर में ओस की बूंदें जम गईं। यहां सुबह घूमने गए लोगों ने मैदान में तिरपाल के ऊपर गिरी ओस की बूंदों को बर्फ में तब्दील होते देखा। 5 दिन बाद बुधवार को रात का तापमान एक डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ फिर से 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला के मुताबिक, बादल छाने का कारण अरब सागर से नमी आना है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के बाद ओस जमने लगती है, ओस में धूल के कण शामिल रहते हैं, इसके चलते 4 डिग्री तापमान पर ओस बर्फ में तब्दील हो जाती है।
उत्तर भारत के मौसम का यहां पड़ता है असर
पिछले साल आखिरी दिन 31 दिसंबर की रात तापमान 11 डिग्री रहा था। 2018 में नए साल की पहली रात से मौसम का मिजाज बदल गया था। दिन और रात के तापमान में गिरावट होने से ठंड बढ़ गई थी।
विंटर सीजन में हमारे यहां कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के मौसम का असर पड़ता है। वहां से आने वाली सर्द हवा से यहां ठंड बढ़ती है। पिछले तीन-चार दिनों से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों में शीत लहर के कारण रात के तापमान में गिरावट हुई। इसका असर हमारे यहां बुधवार शाम से ही होने लगा है। भोपाल में भी रात के तापमान में गिरावट होने की संभावना है।
एसके नायक, मौसम एक्सपर्ट





