होशंगाबाद। मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन तो हुआ लेकिन रेत के अवैध कारोबार में लिप्त माफिया पर कमलनाथ सरकार लगाम नही लगा पाई। अब आलम यह है कि होशंगाबाद जिले भर में सहायक छोटी नदियों से प्रतिदिन हजारों ट्रेक्टर ट्रालियों से रेत का उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। जिसे न तो माइनिंग विभाग रोक पा रहा है और न ही पुलिस रेत के चोरो पर कोई कार्यवाही कर रही है।
बता दे कि होशंगाबाद जिले में सिवनी मालवा , सोहागपुर और पिपरिया में छोटी नदियों से दिन दहाड़े रेत की चोरी की जा रही है , वह भी बिना किसी के डर दबाव के , इतना ही नही बकौल रेत माफिया के की रेत की चोरी पुलिस की सेटिंग से ही हो रही है। बता दे कि सोहागपुर के भजियडाना , समनापुर , बन्दीछोड पिपरिया सहित भौखेड़ी , महुआखेड़ा सहित अंजनेरी बेगनिया बरवानी आदि गांवों की नदियों से रेत की चोरी की जा रही है। वही सिवनी मालवा में भी गंजाल नदी सहित हथेड़ नदी से रेत की चोरी की जा रही है। उधर पिपरिया ओर बनखेड़ी में भी रेत चोर पुलिस और अन्य जिम्मेदार लोगों को सेट कर अवैध रेत उत्खनन कर बेच रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रति ट्रेक्टर 5 हजार रुपये सप्ताह पुलिस को दिया जाता है जिसके बदले में थाने के सामने से खुलेआम रेत से भरी ट्रेक्टर ट्रालियां दौड़ाने की छूट पुलिस द्वारा दी जाती है। बता दे कि रेत के इस काले कारोबार में खनिज विभाग की अनदेखी है जो बड़ी रेत खदानों को तो देख रहा है लेकिन छोटे शहरों की नदियों में होने वाले रेत के उत्खनन को लेकर आंखे बंद किये है। पिछले 15 सालों से शासन ने छोटी नदियों की रेत खदानों की नीलामी भी नही की है जिसके चलते सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों ने अधिकारियों पर धौस जमाकर रेत की चोरी की । अब कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी वही भाजपाई रेत के कारोबार को कांग्रेस पार्टी के लोगो के साथ करने में जुटे है। बता दे कि रेत के कारोबार को करने वाले कुछ लोग जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय थी अब मालदार बन गए है। दिन दहाड़े हो रही रेत की चोरी को लेकर न तो कमलनाथ सरकार को नीति बना रही है और न ही रेत चोरो पर कठोर कार्यवाई के आदेश जारी कर रही है। जो आदेश पूर्व में जारी किए गए उनके सम्बन्ध में जिला स्तर के अफसरों ने अपनी नोकरी बचाने के लिये झूठी जानकारी शासन के सामने दी है कि उनके कार्य क्षेत्र में रेत का कोई भी अवैध उत्खनन नही हो रहा है।
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