पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया कि आठ साल से उसके शारीरिक शौषण हो रहा है। यानि 14 वर्ष की उम्र से उसके साथ पीयूष सक्सेना द्वारा उसका शोषण हो रहा था। इससे पहले भी हमने खुलासा किया था कि कैसे मध्यप्रदेश में मूक-बधिर नाबालिग बालिकाओं के साथ यौन शोषण हो रहा था और वीडियो में दिखाया गया था कि कैसे हाॅस्टल संचालक व यौन शोषण के आरोपी अश्विनी शर्मा की पीठ थपथपाते हुए मुख्यमंत्री नजर आ रहे थे। यही महिला सुरक्षा को लेकर इनकी सोच है।
क्या संघ और भाजपा से जुड़े होने के कारण पाक्सो एक्ट लगने के बाद भी इस व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हो रही है? ठीक उसी तरह जैसे उत्तरप्रदेश में इनके विधायक पर पाक्सो एक्ट लगने के बाद पुलिस और सरकार का संरक्षण दिया गया और उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई? हमारा सीधा आरोप है कि सरकार के संरक्षण के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है। सरकार उसे बचा रही है।
जिस प्रदेश में एनसीआरबी के अनुसार लगभग पांच हजार बलात्कार के मामले प्रतिवर्ष सामने आते हो, जिस प्रदेश में सरकार के विधायक महिलाओं को ही बलात्कार का कारण बताते हैं, उस प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जो धोखा सरकार द्वारा किया जा रहा है, उसको हम जनता के सामने रखना चाहते हैं।
भाजपा ने कांगे्रस एवं मीडिया का दबाव बनने के बाद महज खानापूर्ति करते हुए पीयूष सक्सेना को केवल 6 वर्ष के लिए पार्टी की सदस्यता से निलंबित किया है। इसका अर्थ है कि उक्त समय के बाद फिर उन्हें भाजपा में शामिल किया जा सकता है।
प्रश्न 1. – यह क्यों होता है कि मध्यप्रदेश में मामा जी बलात्कारियों की कभी पीठ थपथपाते हैं तो कभी उनके साथ खड़े नजर आते हैं ?
प्रश्न 2 – पाक्सो एक्ट लगने के बाद भी यह आरोपी फरार कैसे हो गया? क्या यहां भी कुलदीपसिंह सेंगर माॅडल लागू किया जा रहा है?
प्रश्न 3 – क्या आरोपी को भाजपा का संरक्षण प्राप्त है? मीडिया एवं कांगे्रस के दखल के बाद ही कार्यवाही क्यों की गई, पहले क्यों नहीं ?
प्रश्न 4 – पांच हजार बलात्कार के मामले हर साल आने पर भी सरकार हाथ बांधे क्यों बैठी रहती है?
प्रश्न 5 – महिलाओं के अपमानजनक बयान देने वाले नेता कैलाश विजयवर्गीय तथा पन्नालाल शाक्य जैसे लोगों को पार्टी से निकालने की कार्यवाही क्यों नहीं की जाती। क्या ऐसे घिनौने और प्रदेश को शर्मसार कर देने वाले बयानों के साथ एवं बलात्कारियों के साथ भाजपा मजबूती से खड़ी हुई है?
Comments are closed.