भाजपा द्वारा जारी नारी षक्ति संकल्प पत्र केवल घड़ियाली आॅंसू ही नहीं, महिलाओं के साथ एक निर्मम छलावा भी है: षोभा ओझा

भोपाल, 17 नवम्बर 2018
 
मध्यप्रदेष कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती षोभा ओझा ने आज भाजपा द्वारा पृथक से जारी नारी षक्ति संकल्प पत्र पर पलटवार करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए जब यह कथित संकल्प-पत्र जारी हो रहा था, उस समय भी मंच पर किसी महिला का उपस्थित न होना, उनकी असली नीयत को दर्षाता है। उन्होंने कहा कि समूचे म0प्र0 ने बीते 15 वर्षों में महिलाओं के मामलों में भारतीय जनता पार्टी  की सरकार की असंवेदनषीलता को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। पिछले सात सालों से लगातार महिला अत्याचारों के मामले में मध्यप्रदेष नम्बर एक पर है।
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श्रीमती षोभा ओझा ने कहा कि भाजपा ने 2013 के अपने घोषणा पत्र में, महिलाओं पर अत्याचारों के प्रकरणों को देखते हुए विषेष महिला अदालतें स्थापित करने की बात कही थी और फिर वही बात नारी षक्ति संकल्प पत्र में दोहराई गई है। यदि 2013 में किये गए संकल्पों को भाजपा सरकार पूरा करती तो हमारी प्रदेष की हजारों बहन-बेटियों को न्याय मिल पाता। भाजपा की असंवेदनषीलता की वजह से ही प्रदेष की नारी षक्ति न्याय से वंचित है। 
श्रीमती ओझा ने कहा कि 2008 में महिला उत्पीड़न षिकायतों के निराकरण के लिए तहसील स्तर पर महिला पुलिस थानों की बात भाजपा के संकल्प-पत्र में थी लेकिन आज तक कहीं पर भी महिला पुलिस थानों की स्थापना नहीं हुई।
श्रीमती षोभा ओझा ने कहा कि भाजपा की मंषा कभी भी महिला हितैषी नहीं रही है। भाजपा सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बदलकर भाजपा नेताओं से बेटी बचाओ रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा के लिए वचनवद्ध है और कांग्रेस के वचन पत्र में जो भी बात महिलाओं से संबधित लिखी गई है उसे हर हाल में पूरा किया जायेगा।
श्रीमती षोभा ओझा ने कहा कि प्रदेष में अभी तक हुए 47000 बालात्कारों और हर 8 घंटे में हो रहे एक बलात्कार के बाद भी भाजपा सरकार द्वारा अभी तक आंखे मूंदे रहना षर्मनाक है और स्पष्ट है कि आज का नारी षक्ति संकल्प पत्र न केवल घड़ियाली आॅंसू है बल्कि दिखावे के अपराध बोध के साथ ही प्रदेष की महिलाओं के साथ निर्मम छलावा भी है।

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