शहर की शख्सियत सैयद इलियास का दुखद निधन

कमाल अमरोही की मशहूर फिल्म पाकीजा सैयद इलियास के सामने बनी, इलियास ने मेरे हूजूर जैसी फिल्म में भी काम किया, रायल फैमली से ताल्लुक रखने वाले सैयद इलियास के जीवन का अधिकांश समय मुबंई में बीता, वे होशंगाबाद – नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र के प्रथम सांसइ सैयद मूसा अहमद के भतीजे थे। उन्हें वन्य जीवों की भी अच्छी और सटीक जानकारी थी। सैयद इलियास भले ही उम्र के अंतिम पढाव में थे, लेकिन उनका रहन सहन और पहनावा लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता था।

नवलोक समाचार, सोहागपुर।
यहां शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे क्षेत्र की जानी मानी शख्सियत सैयद इलियास का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया, वे होशंगाबाद नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र के प्रथम सांसद सैयद मूसा अहमद के भतीजे और द करंट अखबार के मालिक मरहूम सैयद अययूब के चचेरे भाई थे इनके पिता सैयद हामिद भूगोल के विद्धान ज्ञाता थे।
सैयद इलियास के निधन से नगर में शोक की लहर है, वे अपने जमाने में कमाल अमरोही के साथ रहकर अपने सामने पाकीजा फिल्म का प्रोडक्शन होते देखने वाले चश्मदीद थे,

सैयद इलियास जवानी के दौर में
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उस दौर में कमाल अमरोही, मीना कुमारी के साथ फिल्म की तैयारी इनके सामने हुई है, सैयद इलियास कमाल अमरोही के दोनो बेटे ताजदार और शानदार अमरोही के भी साथ रहे है। फिल्मी दुनिया में किश्मत आजमाने वाले सैयद इलियास ने जितेंद्र और माला सिन्हा अभिनीत फिल्म मेेरे हूजूर में भी काम किया है, फिल्मों में काम करने का सपना सैयद इलियास ने अपने भाई सैयद अली को मुंबई में फिल्मी हस्तियों के साथ रहकर और काम करने को देखकर देखा था। दरअसल सैयद अली सुनील दत्त के करीबी मित्र भी थे, जिसके चलते सैयद इलियास की

तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान

ननदकरीबी सुनील दत्त से भी रही है।
बता दें कि सुपर हित रही पाकीजा फिल्म में सोहागपुर रेलवे स्टेशन को भी दिखाया गया है साथ उसके पीछे का राज भी सैयद इलियाद वर्ष 2011 में सहारा समय टी वी पर बता चुके है, कि फिल्म के निर्माता व निर्देशक कमाल अमरोही ने मीणा कुमारी, राज कु मार ओर अशोक कुमार पर केंद्रित फिल्म में छोटे से शहर सोहागपुर की रेलवे स्टेशन को क्यो दिखाया गया था। सैयद इलियास परिवारिक कारणों से फिल्मोंं में अपना कैरियर नही बना पाये , वे लौट कर सोहागपुर आ गए और खेती संभालने लगे। सैयद इलिया को वन्य जीवो और पर्यावरण की बरीक ओर सटीक जानकारी थी, वन्य प्राणियों की विशेषताएं उन्हें पता थी जिसके चलते वन विभाग के अधिकारी भी उनकी मदद लेते थे। वन विभाग द्वारा उनका नाम वाइल्ड लाइफ बोउर् मेंं बतौर सदस्य हेतु भेजा गया था लेकिन उनके जीवन काल में उनका नाम जुड़ नही सका।
सैयद इलियास ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया, समाजसेवा की भावना सहित वे समाजिक कटटरता और दिखावे से काफी दूर थे। उनके पीछे बड़ा परिवार छूट गया है, उनके पंाच पुत्र है जो कि मुुबई और दिल्ली में निवासरत है।

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