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शनिश्चरी अमावस्या पर कीचड़ स्नान मामले में उज्जैन कलेक्टर और कमिश्नर पर गिरी गाज, कलेक्टर को मंत्रालय अटैच किया

इंदौर. शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा नदी में कीचड़ में श्रद्धालुओं को नहलाने के मामले में उज्जैन कलेक्टर और कमिश्नर पर गाज गिरी है। मामले को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीरता से लेते हुए आधी रात को दोनों को हटाने के आदेश दिए। कलेक्टर मनीष सिंह को मंत्रालय अटैच करते हुए उज्जैन का नया कलेक्टर शंशाक मिश्रा को बनाया गया है, जबकि संभागायुक्त एमबी ओझा की जगह अब उच्च शिक्षा आयुक्त अजीत कुमार कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मिली जानकारी मीडिया में खबर आने के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी। सोमवार को मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने मुख्यमंत्री को पूरी घटना से अवगत कराया। रिपोर्ट में शनिचरी अमावस्या पर क्षिप्रा में पानी उपलब्ध नहीं कराने के लिए प्रशासनिक लापरवाही सामने आने की बात कही गई। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया। इसके साथ ही जल संसाधन एवं एनवीडीए के अफसरों पर भी तबादले की गाज गिरी है।

यह है पूरा मामला : शनिश्चरी अमावस्या पर शनिवार को शिप्रा स्नान के लिए दूर-दूर से लोग उज्जैन के त्रिवेणी घाट पहुंचे थे, लेकिन शिप्रा को सूखी देख वे मायूस हुए हो गए थे। प्रशासन ने सुबह तक नर्मदा का पानी शिप्रा में आने की बात कही थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नदी में पानी नहीं देख प्रशासन घाट पर फव्वारों से स्नान का इंतजाम किया था, लेकिन ऐनवक्त पर ज्यादातर फव्वारे बंद हो गए। इस कारण श्रद्धालुओं ने शिप्रा नदी में उतरकर कीचड़ में स्नान किया और अमावस्या पर स्नान की औपचारिकता पूरी की। कीचड़ में स्नान का मामला मीडिया में अगले दिन छाया रहा, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे।

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