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आरएसएस से जुड़े कुलपति शुक्ला ने दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने 2 घंटे में किया स्वीकार

छतरपुर। बुंदेलखंड महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी छतरपुर के कुलपति प्रो. प्रियव्रत शुक्ला ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कुलपति ने दोपहर में करीब तीन बजे अपना इस्तीफा राज भवन भोपाल प्रेषित किया। दो घंटे बाद ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनके मूल पद पर जबलपुर पदस्थ करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। छतरपुर यूनिवर्सिटी का प्रभार फिलहाल अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी रीवा के कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव को सौंप दिया गया है। कुलपति के इस्तीफा को सरकार बदलने के प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है।
प्रो. प्रियवृत शुक्ल छतरपुर यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति के रूप में नियुक्त किए गए थे। वे जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांतीय कार्यालय केशवकुंज के बेहद करीबियों में माने जाते हैं। संघ की सिफारिश पर ही भाजपा की सरकार में उन्हें कुलपति नियुक्त किया गया था। कुलपति के रूप में उनका 4 साल का कार्यकाल था। यह कार्यकाल जून 2019 में पूरा होना था। फिलहाल उनके कार्यकाल के 5 माह शेष थे। इसके बावजूद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है।

विवादों में रहे: अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में प्रो. शुक्ल खासे विवादित रहे हैं। नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के साथ ही उनपर यौन शोषण के भी आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं भाजपा नेताओं काे खुश करने के लिए उन्हाेंने नियमाें काे ताक पर रखकर कई अवैधानिक कार्य करने का आरोप भी उनपर लगे हैं। यूनिवर्सिटी की शाखा और विकास से जुड़ा उनके कार्यकाल में कोई कार्य नहीं हुआ है। यूनिवर्सिटी परिसर के निर्माण में भी कोई पहल नहीं की गई। जिले के कांग्रेस नेता लगातार कुलपति का विराेध कर रहे थे। माना जा रहा है कि इसी विराेध के चलते ही कुलपति ने इस्तीफा दिया है।

निजी कारणों के चलते दिया इस्तीफा: इस्तीफा देने के संबंध में प्रो. प्रियवृत शुक्ल का कहना है कि उन्होंने निजी कारणों के चलते इस्तीफा दिया है। उन्होंने दोपहर में इस्तीफा राजभवन के लिए प्रेषित किया था। इस्तीफा में भी कोई अन्य कारण नहीं लिखा है। वे रानी दुर्गावति यूनिवर्सिटी जबलपुर के दर्शनशास्त्र विभाग में बतौर प्रोफेसर पदस्थ रहे। छतरपुर यूनिवर्सिटी से रिलीव हो गए हैं। अब वे वापस जबलपुर में अपने मूल पद पर ही ज्वाॅइन करेंगे।

राकेश मिश्रा के पिता की स्मृति में स्थापित की पीठ : भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यालय में भाजपा नेता राकेश मिश्रा कार्यरत हैं। राकेश मिश्रा छतरपुर की सीमा पर बसे महोबा उप्र के धौर्रा गांव के निवासी हैं। कुलपति ने राकेश मिश्रा के पिता स्वर्गीय गणेश प्रसाद मिश्रा के नाम पर शोध पीठ स्थापित की है। लेकिन अब तक यूनिवर्सिटी में शोध का कार्य शुरू नहीं हुआ है, लेकिन भाजपा नेता को खुश करने के लिए शोधपीठ स्थापित कर दी गई।

अब नए कुलपति की नियुक्ति कांग्रेस सरकार की मर्जी से होगी : अब नए कुलपति की नियुक्त कांग्रेस सरकार की मर्जी से होगी। राजभवन से जल्द ही संबंध में विज्ञापन जारी होने की उम्मीद है। राजभवन कुलपति के चयन के लिए 5 सदस्यीय चयन समिति का गठन करेंगे। इस समिति में दो प्रतिनिधि राज्यपाल की सिफारिश पर नियुक्त होंगे। तीसरा प्रतिनिधि मुख्यमंत्री और चौथा प्रतिनिधि उच्च शिक्षा मंत्री की सिफारिश पर नियुक्त होगा। पांचवां प्रतिनिधि विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने अपनी अंतिम बैठक में मनोनीत कर दिया है। कार्यपरिषद ने आरजीपीवी यूनिवर्सिटी भोपाल के कुलपति डाॅ. सुनील कुमार काे चयन समिति सदस्य के रूप में प्रस्तावित कर दिया है। राजभवन की ओर से जारी होने वाले विज्ञापन पर आवेदन करने वालों के आवेदन इस चयन समिति के सामने रखे जाएंगे। चयन समिति इनमें से एक आवेदक को कुलपति नियुक्ति करेगी।

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