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पूजा करने के बाद सेंट्रल जेल के बाथरूम में कैदी ने लगाई फांसी

भोपाल. हत्या के मामले में भोपाल सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक बंदी ने बैरक में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह पूजा-पाठ और नाश्ता करने के बाद बंदी ने फांसी लगाई थी। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। आत्महत्या के मामले में मजिस्ट्रेट प्रकाश डामोर ने न्यायिक जांच भी शुरू कर दी है। गांधी नगर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

सेंट्रल जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे के मुताबिक मंडीदीप निवासी 40 वर्षीय संतोष राजपूत को 2012 में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। रायसेन कोर्ट ने उसे सजा सुनाई थी। तब से वह भोपाल जेल में बंद था। इसके पहले वह रायसेन जेल में बंदी था।

संतोष के साथ उसका भाई संजय भी हत्या के मामले में सह आरोपी है। संतोष नवीन वार्ड नंबर 10 की बैरक में था। सुबह सभी बंदी काम पर चले गए थे। संतोष और संजय की मुलाकात भी हुई थी। उन्होंने नाश्ता भी किया था। संतोष ने संजय को सलाह दी थी कि वह पेशी पर जाए, बरी हो जाएगा। पैरोल के लिए फॉर्म भी भर देना। संजय जब चला गया उसके बाद करीब 9.15 बजे संतोष ने बैरक की बाथरूम की जाली में गमछा बांधा और फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। गमछा बंदियों को जेल द्वारा दिया जाता है।

संतोष पिछले डेढ़ साल से बतौर सीओ जेल ऑफिस (चक्कर) में काम कर रहा था। वह 21 नवंबर को पेरोल से ही वापस लौटा था। बुधवार को उसकी पत्नी और बहन का फोन आया था, दोनों से उसकी बात हुई थी। पुलिस और जेल विभाग ने मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया है। बताया गया है कि सुबह मजिस्ट्रेट प्रकाश डामोर भी जेल पहुंच गए थे। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव मर्चूरी में रखा है। शुक्रवार को शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। न्यायिक जांच पूरी होने के बाद आत्महत्या के कारणों का खुलासा होगा।

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