
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बाहरी युवाओं को मौका
मध्य प्रदेश में आरक्षक भर्ती में रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता को समाप्त कर सरकार दूसरे राज्यों के युवाओं को मौका देकर मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को आरक्षक भर्ती में मिलने वाले अवसर को छीनना चाहती है।
नवलोक समाचार, भोपाल।
एमपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरक्षक भर्ती में रोजगार पंजीयन की शर्त हटाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश का बेरोजगार युवा दर-बदर भटक रहा है, नौकरियों के लिए दरवाज़े खटखटा रहा है, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार की नीयत युवाओं को ठगने की है।
उमंग सिंघार ने कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती 2025 में रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता की शर्त हटाकर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसे मध्यप्रदेश के बेरोजगार युवाओं की नहीं, बल्कि बाहरी उम्मीदवारों की चिंता है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि 2017 से अब तक प्रदेश की हर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी भर्ती में रोजगार पंजीयन अनिवार्य रहा है। हाल ही में आयोजित समूह-2 और उपसमूह-3 की भर्तियों में भी यही नियम लागू था। फिर अचानक पुलिस भर्ती में यह शर्त क्यों हटा दी गई? किसके दबाव में ऐसा निर्णय लिया गया?

श्री सिंघार ने कहा कि क्या भाजपा सरकार चाहती है कि प्रदेश का युवा रोजगार की तलाश में भटकता रहे और बाहरी उम्मीदवार प्रदेश की नौकरियां हथियाते रहें?
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को सीधे तौर पर घेरते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी, पुलिस विभाग तो आपके ही अधीन है। फिर आप इससे जुड़े निर्णय क्यों नहीं ले पा रहे हैं? यह प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है।





