मीडिया में किरकिरी हुई तो बैकफुट पर आई कांग्रेस, भावांतर का फैसला वापस

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने दोपहर में पूर्ववर्ती शिवराज सरकार द्वारा किसानों को उपज की उचित कीमत देने के लिए शुरू की गई भावांतर योजना को बंद करने का फैसला लिया था। इसकी जानकारी उन्होंने विभागीय ट्विटर हैंडल पर जारी की थी। लेकिन मीडिया में जैसे ही उनके इस फैसले पर किरकिरी होना शुरू हुई तो आनन-फानन में राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया। एक अन्य ट्वीट के जरिए सरकार ने कहा कि वह भावांतर योजना को बंद नहीं कर रही बल्कि उसकी समीक्षा करके उसे ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने की योजना पर काम कर रही है।
योजना बंद करने की जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा था कि किसानों को इस योजना से नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा था कि किसानों से पहले बात की गई तभी ये फैसला लिया गया है। वहीं सरकार के इस फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विरोध किया। शिवराज ने योजना के बंद किए जाने पर आंदोलन करने की धमकी दी और साथ ही सीएम कमलनाथ को पत्र भी लिखा है।

यादव ने ट्वीट करके कहा, ‘भाजपा सरकार के द्वारा भावांतर भुगतान योजना जिस स्वरूप में लाई गई थी, उससे किसानों को लाभ नहीं मिला। हमारी सरकार इस योजना की समीक्षा कर गाइडलाइंस में बदलाव ला रही है। जिससे किसानों को उनकी उपज का ज्यादा लाभ मिल सके।’ अपने मंत्री के बयान के बाद प्रदेश सरकार बचाव की मुद्रा में आ गई है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भावांतर योजना बंद नहीं की जाएगी बल्कि इसकी समीक्षा करके गाइडलाइंस में बदलाव किया जाएगा।

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शिवराज ने योजना के बंद किए जाने पर आंदोलन करने की धमकी दी और साथ ही सीएम कमलनाथ को पत्र भी लिखा है। उनका कहना है, ‘किसानों के साथ हम धोखा नहीं होने देंगे। इनके हित और अधिकार की लड़ाई हम लड़ेंगे। आवश्यकता हुई तो हम किसानों के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।’

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को बंद करने का फैसला लिया था। लेकिन उस वक्त भी देशभर में निंदा की स्थिति बनने पर सरकार बैकफुट पर आई और उन्होंने कहा कि वे इस योजना को ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने की योजना बना रहे हैं।

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