साध्वी बनने से पहले कराया प्री दीक्षा शूट, संतों के सानिध्‍य में ऐसे रमा मन

इंदौर। श्वेतांबर जैन समाज की हरियाणा के सभ्रांत परिवार की उच्च शिक्षित 22 वर्षीय सिमरन जैन इंदौर में जैन भगवती दीक्षा लेकर वैराग्य की कठिन डगर पर चलेंगी। इससे पहले उन्होंने प्री दीक्षा शूट की अनूठी पहल की है।

Test

समाज में उनकी यह पहल चर्चा का विषय है। उन्होंने अपने अभिनय कौशल का इस्तेमाल करते हुए शहर के गोम्मटगिरि-ह्रींकारगिरि सहित धार्मिक स्थल पर शूट किया है। 14 जनवरी से होने वाले उनके सात दिनी दीक्षा महोत्सव में देशभर के हजारों समाजजन जुटेंगे।

मुमुक्षु सिमरन कहती हैं कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे वैराग्य के मार्ग पर चलने की अनुमति परिजन और गुरुजन से मिली। इस उत्सव का हर पल मेरे लिए खुशी का अवसर है। मैं बचपन से ही मेरी बुआ साध्वी मुक्ताश्रीजी की तरह बनना चाहती थी। मेरे पिता नहीं चाहते थे कि मैं साध्वी जीवन अपनाऊं। हम दो बहनें हैं, दोनों छुट्टियों में उनके पास जाती थीं। एक बार हम दोनों को बुखार आया तो मेरी बहन रोने लगी और घर जाने की जिद पकड़ ली लेकिन मैंने कहा कि मैं यहीं रहूंगी। मैं चार साल हॉस्टल में भी रही और सारा देश घूमा लेकिन मन संतों के सान्निाध्य और वैराग्य में ही रमा, इसलिए मैंने दीक्षा लेने का फैसला किया।
सांसारिक बुआ महासती डॉ. मुक्ताश्री बताती हैं कि सिमरन धार्मिक आयोजन में होने वाली विभिन्ना नृत्य-नाटिकाओं और कार्यक्रमों में अभिनय करती थी। उसका अभिनय देखकर सभी कहते थे कि वह अभिनेत्री बनेगी, टीवी सीरियल में काम करेगी लेकिन जब वह गर्भ में थी, तभी मैंने भैया-भाभी से इच्छा जताई थी कि उसे आत्मकल्याण के लिए दीक्षा दिलाना। सिमरन के पिता का फाइनेंस का काम और अन्य व्यवसाय भी है।

Comments are closed.

Translate »