स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की आशंका

भोपाल.प्रदेश कांगे्रस के एक प्रतिनिधि मंडल ने विधानसभा चुनाव में हुए मतदान और ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की आशंका जातते हुए अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाये जाने के संबंध में एक ज्ञापन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी.एल. कांताराव को सौंपा। ज्ञापन में लिखा है कि मध्यप्रदेश में विधान सभा के आम चुनाव का मतदान दिनांक 28 नवंबर 2018 को सम्पन्न हो चुका है, मतगणना दिनांक 11 दिसम्बर, 2018 को होना है। मतगणना के लिए सभी संबंधित ईवीएम मशीनों को जिला स्तर पर बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखी होने के बावजूद उनमें छेडछाड की स्थिति बनी हुई है और इनसे चुनाव परिणाम प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, उक्त संबंध में कांगे्रस ने चुनाव आयोग से कहा है कि:-
दिनांक 30 नवम्बर, 2018 को खुरई जिला सागर विधान सभा क्षेत्र 36 में करीब 35 इवीएम मशीनें अन्य ईवीएम मशीनों के साथ स्ट्रांग रूम में जमा करने हेतु पहुंची इवीएम मशीनें बिना रजिस्ट्रेशन की बस से पहुंचाई गई जो अपने आप में संदेह पैदा करती है जो मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखकर बड़े पैमाने पर षडयंत्र करने की योजना बनाई गई। चूंकि खुरई से भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रदेश के गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं और सागर के जिला कलेक्टर निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार सिंह उनके नजदीकी है, जिसकी शिकायत कांग्रेस प्रत्याशी एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा दिनांक 30 नवंबर 2018 को की गई है कि उन्हें तत्काल चुनाव कार्यों से विमुक्त किया जावे। शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है, जो संदेह को जन्म देती है कि बडे पैमाने पर इवीएम मशीनों में हेराफेरी एवं छे़डछाड हो सकती है।
30 नवम्बर को भोपाल की सभी सातों विधान सभा क्षेत्रों की इवीएम मशीनें पुरानी जेल स्थित स्ट्रांग रूम में रखी गई है जहां प्रातः 8 बजे से 9.30 बजे तक बिजली गुल होने से केमरों की रिकार्डिंग एलईडी पर नहीं दिखाई दी और स्ट्रांग रूम के दरवाजे पर प्रत्याशियों के हस्ताक्षर युक्त सील भी नहीं लगी होने की दशा में किसी बड़े षडयंत्र से इंकार नहीं किया जा सकता। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को की गई शिकायत के उपरांत स्ट्रांग रूम के मुख्य द्वार पर कुछ प्रत्याशियों के हस्ताक्षर लगाकर सील लगाई गई है। सुबह डेढ़ घंटे कमरे बंद होने की रिकाडिंग दिखाने की मांग के बाद अभी तक जिला प्रशासन द्वारा केमरों की रिकार्डिंग नहीं दिखाई गई है, आखिर इन डेढ़ घंटे में क्या कार्यवाही हुई है उसे तत्काल दिखाने की कार्यवाही की जावे।
प्रदेश के अन्य कई क्षेत्रों से भी शिकायतें आ रही है। खरगोन में भी मतदान दिवस के दो दिन बाद रात्रि 10.30 बजे तक स्ट्रांग रूम में रखने के लिए 50 इवीएम मशीने लाई गई हैं और वहां भी काफी हंगामा होने पर उन्हें अतिरिक्त इवीएम मशीनें होना प्रशासन द्वारा सूचित किया गया, जबकि अतिरिक्त मशीनों को मतदान के तत्काल पश्चात संबंधित स्थान पर पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है जिसे पूरा नहीं किया गया है।
सतना स्थित इवीएम मशीनों के लिए बनाए गए स्ट्राम रूम में दो व्यक्तियों को स्ट्रांग रूम में बड़े-बड़े बक्से ले जाते हुए दिखाया गया है तथा शिकायत करने के उपरांत भी जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट नहीं किया गया और ना ही उन दो अवांछित व्यक्तियों के स्ट्रांग रूम में भ्रमण के सबूत ही उपलब्ध कराए गए है। आखिर वे किस कारण स्ट्रांग रूम में गए थे। वहीं खंडवा से कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा शिकायत की गई है कि जहां इवीएम मशीने रखी गई हैं उस स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी करने के लिए प्रत्याशी या उसके प्रतिनिधि को स्थान ही उपलब्ध नहीं कराया गया है और मशीनों की स्थिति असुरक्षित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कांगे्रस के प्रतिनिधि मंडल ने मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि जहां-जहां भी ईवीएम मशीनंे अतिरिक्त मशीनों के रूप में (10 प्रतिशत कोटा) से संबंधित जो भी मशीने अभी तक वापिस चुनाव आयोग को प्राप्त नहीं हुई हैं उनकी जानकारी उपलब्ध कराई जावेे। मतदान दिवस 28 नवंबर 2018 को कहां-कहां, किन-किन मतदान केन्द्रों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कोटा की ईवीएम मशीनें उपयोग में लाई गई है उनकी क्रम अनुसार सूची उपलब्ध कराई जावे। मतगणना के लिए स्ट्रांग रूम में रखी गई ईवीएम मशीनों की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों के संबंध में डिजीटल वीडियों रिकार्डिंग का लिंक सार्वजनिक किया जावे जिससे कि कांग्रेस प्रत्याशी या उसके प्रतिनिधि आवश्यकतानुसार देखकर संतुष्टि कर सके। मतगणना हेतु सुरक्षित रखी गई मशीनों की निगरानी के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों को स्ट्रांग रूम के नजदीक स्थान उपलब्ध कराया जावे जहां से वे स्ट्रांग रूम में होने वाली गतिविधियों का निरीक्षण कर संतुष्टि कर सके कि उसके चुनाव से संबंधित ईवीएम मशीनें सुरक्षित रखी गई हैं तथा उनके साथ कोई छेडछाड नहीं हो रही है। क्योंकि अधिकतर विधान सभा क्षेत्र के प्रत्याशियों द्वारा यह शिकायत की जा रही है कि स्ट्रांग रूम के बाहर जिला प्रशासन, भाजपा सरकार एवं उनके नेताओं के दबाव में उन्हें स्ट्रांग रूम के बाहर नजदीक कोई स्थान उपलब्ध नहीं करा रहा है और स्थिति यह है कि स्ट्रांग रूम से आधा अथवा एक किलोमीटर की दूरी पर निगरानी के लिए स्थान निश्चित किया जा रहा है जहां से स्ट्रांग रूम में रखी मशीनों की निगरानी करना असंभव है, इसलिए ऐसी व्यवस्था की जाय कि मतगणना से संबंधित ईवीएम मशीनों का स्थान स्ट्रांग रूम प्रत्याशी एवं उसके प्रतिनिधियों को साफ-साफ दिखाई देना चाहिए। विधान सभा चुनाव 2013 में ईवीएम मशीनों की निगरानी के संबध्ंा में जो व्यवस्था चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित की गई थी उसे ही लागू किया जाए जिससे निगरानी उचित रूप से हो सके।
प्रतिनिधि मंडल ने निर्वाचन आयोग से आग्रह कि है कि विषम परिस्थितियों एवं लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक हैं कि मतगणना हेतु सुरक्षित रखी गई इवीएम मशीनों की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जावे एवं मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जो मांग आपके समक्ष रखी गई हंै उनको तत्काल पूरा करने के लिए कार्यवाही की जावे जिससे कि कांग्रेस प्रत्याशियों एवं कांग्रेसजनांें में चुनाव आयोग के प्रति पूर्व की तरह विश्वास कायम रह सके जो कि न्यायोचित होगा।
प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश कांगे्रस के उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, प्रशासन प्रभारी राजीव सिंह, प्रवक्ता एवं चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जे.पी. धनोपिया, महिला कांगे्रस अध्यक्ष मांडवी चैहान, विभा पटेल, आनंद तारण, शहर कांगे्रस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, विजय सिरवैया, बालमुकंद गौतम, गिरीश शर्मा आदि उपस्थित थे।

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