प्रदेश में अफसर आँख में पट्टी बांध कर कर रहे जाँच, वीडियो में दिख रहे हैं शराब पीते हुए, जांच में नहीं मिले सबूत, सभी बाबू बहाल
जबलपुर विवेक तिवारी- मध्यप्रदेश में शिक्षा के मंदिर में जमकर शराबखोरी होती है लेकिन अफसर अन्धे है जिन्हें कुछ भी नजर नहीं आता है आँख तो खुली है लेकिन उस मुर्दे के सामान जेसे जो जिंदा तो नहीं है लेकिन लगता है आँख से देख रहा है प्रदेश की अफसरशाही का यही हाल नजर आ रहा है जबलपुर के जेडी दफ्तर में बैठकर शराब पीने के मामले में सस्पेंड हुए सभी बाबू 3 महीने बाद बहाल कर दिए गए। वीडियो फुटेज में भले ही सभी बाबू दफ्तर की टेबल में बैठकर जाम छलकाते दिख रहे थे, शराब की बॉटल भी नजर आ रही थी, लेकिन जांच अधिकारी नशे के सबूत नहीं ढूंढ पाए। दफ्तर में शराब पीने की सीडी और अन्य सबूतों के अभाव में सभी बाबू बहाल कर दिए गए। जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर प्रभारी संयुक्त संचालक संभागीय लोकशिक्षण ने संभागीय कमिश्नर की अनुशंसा पर बाबुओं को निर्दोष करार देते हुए बहाल कर दिया।
जेडी और डीईओ आफिस के 8 बाबुओं को 17 नवंबर 2017 को शराबखोरी कांड में प्रभारी जेडी एसडी मरावी ने सस्पेंड कर दिया था। नवंबर से लेकर मार्च तक करीब 90 दिन जांच चली। जानकारों की मानें तो उन्हें रिजल्ट पहले ही पता था। क्योंकि विभागीय जांच में बाबू यही कहते रहे कि वे शराब नहीं थकान उतारने चाय, कॉफी पी रहे थे। 9 मार्च को बाबुओं की भोपाल में आयुक्त लोकशिक्षण के समक्ष पेशी भी हुई थी।
वेतन-भत्ते सब पूरे मिलेंगे-
बहाल हुए बाबुओं को निलंबन अवधि का वेतन सहित अन्य लाभ भी मिलेंगे। प्रभारी जेडी द्वारा अलग-अलग जारी बहाली आदेश में कहा गया है कि बाबुओं पर रात्रि में शराब पीने के मामले में विभागीय जांच कराई गई थी। विभागीय जांच में आरोप सिद्ध नहीं हो पाए। उनका निलंबन बहाल किया जाता है। निलंबन अवधि के वेतन-भत्ते सब पूरे मिलेंगे।
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